अल्पसंख्यक वर्ग को सीएए समझाने के लिए भाजपा ने उर्दू में छपवाई बुकलेट

अल्पसंख्यक वर्ग को सीएए समझाने के लिए भाजपा ने उर्दू में छपवाई बुकलेट


उनके बीच जाकर दे रहे सही जानकारी


भोपाल /  नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर भले ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हों, लेकिन बड़ी संख्या में मुस्लिम अल्पसंख्यक इस कानून पर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के नाम समर्थन पत्र जारी कर चुके हैं। कानून के विरोध में हुए हालिया प्रदर्शनों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने योजनाबद्ध तरीके से काम करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में मप्र भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे ने मुस्लिम समुदाय को समझाने के लिए सीएए की बुकलेट उर्दू भाषा छपवाई है।


भाजपा का मानना है कि इस 4 पेज की उर्दू बुकलेट अल्पसंख्यक वर्ग को ज्यादा अच्छे से समझाया जा सकेगा। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के सदस्य इस बुकलेट को लेकर मुस्लिमों के बीच जाएंगे और उन्हें इसके जरिए सीएए के बारे में समझाएंगे। प्रदेशभर में अल्पसंख्यकों को देने के लिए करीब 4 लाख बुकलेट छपवाई गई हैं।


बूथ स्तर तक चल रहा है अभियान


सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने अपने टॉप से लेकर बॉटम तक की टीम को बूथ स्तर तक झोंक दिया है। उन्हें अल्पसंख्यकों को घर-घर जाकर समझाने की जिम्मेदारी दी है। घर-घर दस्तक देने का अभियान जनवरी से ही शुरू हो गया था। अब इसमें सीएए की उर्दू बुकलेट को भी शामिल किया गया है। भाजपा कार्यकर्ता अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों के बीच जाकर उन्हें सीएए की विस्तृत जानकारी देकर भ्रम को दूर कर रहे हैं।


सीएए नागरिकता लेने का नहीं देने का कानून


मप्र भाजपा प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर ने बताया कि सीएए नागरिकता लेने का नहीं देने का कानून है। इसे लेकर अल्पसंख्यक वर्ग में नफरत नहीं है, सिर्फ भ्रम है। उन्हें गुमराह किया जा रहा है। इसलिए नागरिकता संशोधन कानून की उर्दू बुकलेट छपवाई गई है। इस बुकलेट को लेकर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के सदस्य मुस्लिम समुदाय के बीच जा रहे हैं और उन्हें सीएए के बारे में अच्छे से समझा रहे हैं। हम सीधे घर-घर पहुंचकर परिवार के लोगों को समझा रहे हैं। भाजपा की ओर से जो बुकलेट लोगों को दी जा रही है, उसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र है।


भाजपा की क्या है योजना
भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की जो योजना है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया है। उसके तहत एक कार्यकर्ता को सिर्फ एक बूथ पर 50 घरों तक पहुंचकर उनसे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के लिए समर्थन पत्र प्राप्त करने का लक्ष्य दिया गया है। मप्र के ज्यादातर जिलों में बड़ी संख्या में मुस्लिम और जैन के साथ ही ईसाई और सिख समाज के लोग रहते हैं। मप्र के भोपाल, जबलपुर, छतरपुर, इंदौर, सागर, बुरहानपुर और अन्य कई जिलों में कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे।


आरएएस के संगठन भी लोगों के बीच उतरेगा
भोपाल में बीते बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा के साथ हुई समन्वय बैठक में कहा कि सीएए केंद्र सरकार का सही निर्णय है, लेकिन इसको लेकर जो भी गलतफहमी है या कुछ लोगों के बीच ऐसे लोग सक्रिय हैं, जो अनावश्यक अलगाव पैदा करना चाहते हैं, उन्हें दूर करो। उन्होंने सीएए के विरोध को देखते हुए संघ के अनुषांगिक 33 संगठनों को अगले तीन माह सीएए को लेकर लोगों के बीच जाने के निर्देश दे दिए हैं। संगठन जो भी कानून के विरोध में है, उनसे बात कर सही स्थिति बताएंगे। उन्होंने सामान्य मुद्दों के बीच मोहन भागवत ने संगठनों से सीएए के समर्थन में की गई रैली, सभा, संगोष्ठी व परिवार चर्चा की भी रिपोर्ट ली।