अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में चीतल का शिकार

अचानकमार टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में चीतल का शिकार


डेढ़ साल में आठ मौतें


बिलासपुर / छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) में अधिकारियों की लापरवाही से वन्य जीवों पर भारी पड़ रही है। पिछले डेढ़ साल के दौरान शिकारी एक ग्रामीण सहित सात वन्यजीवों की हत्या कर चुके हैं। रविवार को शिकारियों ने एक बार फिर चीतल का शिकार कर दिया। सूचना मिलने पर डिप्टी रेंजर मौके पर पहुंचे और चीतल का मांस लेकर जा रहे एक व्यक्ति को दौड़ाकर पकड़ लिया। हालांकि उसका साथी भागने में कामयाब हो गया। खास बात यह है कि घटना के दौरान रेंजर बिना किसी सूचना के गायब थे।


पूछताछ में बताया सोन कुत्तों ने मारा है चीतल को
जानकारी के मुताबिक, कोर क्षेत्र में छपरवा रेंज के कक्ष क्रमांक 233 कल्हरपानी में रविवार को एक चीतल का शिकार हुआ। शिकारी दोपहर में नर चीतल का मांस लेकर जा रहे इसी बीच डिप्टी रेंजर को सूचना मिली और वे मौके पर गए। उन्हें देख दोनों शिकारी भागने लगे। इस पर डिप्टी रेंजर ने उन्हें दौड़ाया और एक को पकड़ लिया। जबकि दूसरा फरार हो गया। उसकी तलाश जारी है। चीतल के शव का अंतिम संस्कार किया गया। घटना के समय रेंजर नायडू ड्यूटी से गायब थे। सूचना मिलने पर शाम को कोटा और कोर क्षेत्र के एसडीओ डीएन त्रिपाठी मौके पहुंचे।


कोटा एसडीओ डीएन त्रिपाठी को कोर क्षेत्र का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। उन्होंने बताया कि छपरवा निवासी राम शरण यादव को संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने बताया कि जंगली जानवर सोनकुत्ते ने नर चीतल का शिकार किया और आधा खाकर उसे छोड़ दिया। इसी बीच वह अपने साथी सुरही निवासी संतोष कुमार यादव के साथ अपना मवेशी ढूंढने जंगल में निकले थे। तभी उनकी नजर मरे हुए चीतल पर पड़ गई। दोनों ने 10 किलो चीतल के मांस को उसके शव से निकाला और उसे कपड़े में बांध कर लेकर जा रहे थे।


वे कल्हनपानी के पास पहुंचे ही थे कि उन्हें डिप्टी रेंजर संत राम ने देखा और दौड़ाया। संतोष कुमार तो भाग गया लेकिन राम शरण को पकड़ लिया। उसके पास से मांस भी बरामद हुआ। एसडीओ ने बताया कि राम शरण को अभी रिमांड पर रखा है। इसके बाद इसे लोरमी कोर्ट में पेश किया जाएगा। फरार संतोष की तलाश जारी है। एटीआर में वन्य जीवों का शिकार कोई नई बात नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी लगातार सामने आती रही है। कभी वन्य जीवों के शिकार को लेकर तो कभी जंगल में लगी आग पर।