योजनाएं बनाने से पहले दिया जाएगा प्रशिक्षण

; भोपाल में बनेगा राष्ट्रीय स्तर का शहरी विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान



भोपाल / मध्य प्रदेश के समुचित एवं व्यवस्थित विकास के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर का शहरी विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान भोपाल में  बनाया जाएगा। इस संस्थान में नगर निगम से लेकर नगरीय और पंचायत तक के अधिकारियों और इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि भविष्य में योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश का विकास हो सके। ये निर्णय गुरुवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में  हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया।


कैबिनेट की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहल पर राष्ट्रीय स्तर का शहरी विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान की रूप रेखा तैयार की गई है। पूरे प्रदेश तेजी से विकास हो रहा है। शहरों यहां तक की छोटे-छोटे गांवों की सीमाएं तेजी बढ़ रही हैं। बिना प्लानिंग के हो रहे विकास के चलते काफी दिक्कतें आती हैं। 


इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस संस्थान की स्थापना की जा रही है। इस संस्थान में प्रदेश सहित पूरे देश से लोग प्रशिक्षण के लिए आएंगे। खासतौर इस संस्थान में नगर निगम से लेकर नगरीय निकाय और पंचायत के इंजीनियरों और अधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। विकास योजनाओं से जुड़े अन्य विभाग के लोग भी इस संस्थान में प्रशिक्षण ले सकेंगे। इस संस्थान में अर्बन प्लानिंग से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों को नियुक्त किया जाएगा। 


ये निर्णय भी हुए


लोकसभा और विधानसभाओं की सीटों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 10 साल बढ़ाने संबंधी 126वें संविधान संशोधन विधेयक के अनुमोदन को पारित कर दिया गया है। अब इसे आज ही विधानसभा में रखा जाएगा। 


मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान 100 से बढ़ाकर 150 करोड़ रुपए कर दिया गया है। 


शैक्षणिक सत्र के मद्देनजर शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध रहेगा। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादलों के मामले अब सीएम समन्वय में नहीं आएंगे, जिले के अंदर होने वाले तबादलों के लिए मंत्रियों को अधिकार दिया गया है।


भिंड गोली चालन की रिपोर्ट पर यह निर्णय लिया गया कि इसके परीक्षण के लिए एक मंत्रिमंडलीय समिति बनाई जाएगी।


राजस्व परिपत्र पुस्तिका में संशोधन करके पान की खेती करने वाले किसानों को 25 से 33 फीसदी फसल का नुकसान होने पर अब आर्थिक सहायता 30000 रुपए प्रति हैक्टेयर दी जाएगी। 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर 40000 रुपए प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता मिलेगी।


शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन के लिए 3600 रुपए की कार्य योजना को मंजूरी दी गई है। डोलोमाइट लाइमस्टोन सहित अन्य गौण खनिजों की रॉयल्टी में 50 प्रतिशत के करीब वृद्धि की गई है। नगर निकाय 400 करोड़ रुपए के ऋण प्राप्त कर सकेंगे। नगरीय निकायों के लिए सरकार 136 करोड़ रुपए का अनुदान देगी। 


सड़क विकास निगम एवं लोक निर्माण विभाग की 16 सड़क के ओएमटी मॉडल पर दी जाएंगी। इन सड़कों से कमर्शियल व्हीकल से टोल वसूला जाएगा।