हनुमानगढ़ / राजस्थान में हनुमानगढ़ का सरकारी स्कूल अपनी तरह का पहला स्कूल है, जहां सुबह की प्रार्थना लाइन में लगकर नहीं, बल्कि सूर्य, चक्र, धरती माता, भारत का नक्शा, ऊं, स्वास्तिक और फूल की पंखुड़ियों के आकार की मानव शृंखला बनाकर होती है। मकसद है- रोजाना स्कूल आने की रोचकता बच्चों में पैदा हो और उत्साह बना रहे। साथ ही अनुशासन में रहना सीख सकें।
इस पहल की शुरुआत शिक्षक रमेश जोशी ने की। उन्होंने बताया कि मालारामपुरा गांव स्थित सरकारी स्कूल में यह सिलसिला पिछले दो साल से चल रहा है। ऐसे में स्कूल में सुबह की होने वाली प्रार्थना हर दिन शानदार होती है। शिक्षक का आदेश मिलने पर बच्चे महज 5 मिनट में खड़े होकर किसी भी आकृति की पोजिशन ले लेते हैं।
स्कूल में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी
प्रिंसिपल संत कुमार ने बताया कि इस पहल से स्कूल में बच्चों की संख्या और उपस्थिति दोनों बढ़ गई है। वर्तमान में स्कूल में 385 विद्यार्थी हैं। जो छात्र लेटलतीफी अपनाते थे, वे अनुशासन में रहते हुए समय पर स्कूल पहुंचने लगे हैं। इस पहल से ग्रामीण भी खुश हैं। आसपास के स्कूल भी इस पहल को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं।