जयपुर / बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह में संबोधित किया। इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 51 क में उल्लेखित मूल कर्त्तव्य ही गांधी जी के विचार हैं। उन्होंने कहा कि मूल कर्त्तव्य के अनुरूप कार्य करके हम राष्ट्र के विकास में सक्रिय भागीदारी निभा सकते हैं। इस मौके पर जयपुर शहर के 30 विद्यालयों के लगभग एक हजार बच्चे उपस्थित रहे। बता दें कि राजस्थान में गांधी जी की 150वीं जयंती के मौके पर सालभर तक अलग-अलग कार्यक्रम किए जाएंगे।
राज्यपाल ने कहा कि गांधी जी में भारतीयता के प्रति दृढ़ भावना थी। उनका दर्शन वसुधैव कुटुम्बकम था। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी साहसी और वीर पुरूष थे। गांधी जी का आभूषण अंहिसा था। मिश्र ने कहा कि सिद्वांत विहिन राजनीति, नैतिकता विहिन कार्य, चरित्र विहिन जीवन और मानवता विहिन विज्ञान पाप होते है। राज्यपाल ने कहा कि बाबू ब्रजपाल दास की सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका थी। वे प्रेरणा के केन्द्र बिंदु है।
महात्मा गांधी के पोते भी पहुंचे
समारोह को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते राज मोहन गांधी ने भी सम्बोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी निडर थे। वे अंहिसा के पुजारी थे। जेल जाने और गोली खाने के लिए वे सदैव तैयार रहते थे। गांधी जी किसी से कम या ज्यादा नहीं थे और न ही वे किसी से ऊंचे और न ही वे किसी से नीचे थे। भारतीय स्वतत्रंता संग्राम का नेतृत्व गांधी जी ने ही किया था। उन्होंने सदैव दोस्ती फैलाई और नफरत को हटाने का काम किया।