परशुराम शर्मा ने नम आंखों से किया देश के सहीदो को नमन कर  और दी संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं

परशुराम शर्मा ने नम आंखों से किया देश के सहीदो को नमन कर  और दी संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं


 आज भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है।  सबसे पहले मैं आपको बताना चाहता हूं कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल इस दिन ही हमारे देश को अपना संविधान मिला था। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। इस के 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। यह संविधान ही है जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन होता है। राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं। राष्ट्रगान और ध्वजारोहण के साथ उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है। अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में भारत की विविधता में एकता की झलक दिखती है। परेड में भारत की तीनों सेना- नौ सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी शामिल होती हैं और सेना की ताकत दिखती है।  


ऐसा नहीं है कि 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने और परेड व झांकियों आदि के समापन के साथ ही यह राष्ट्रीय त्योहार खत्म हो जाता है। 29 जनवरी को ‘बीटिंग रिट्रीट’ सेरेमनी के साथ गणतंत्र दिवस उत्सव का समापन होता है। 


आजादी मिलने और संविधान लागू होने के इतने बरसों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, नक्सलवाद, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा जैसी समस्याओं से लड़ रहा है। हम सभी को एक होकर इन समस्याओं को खत्म करने की कोशिश करनी चाहिए। भारत को जब तक इस समस्याओं से बाहर निकालते तब तक स्वतंत्रता सेनानियों का सपना पूरा नहीं होगा। एक होकर प्रयास करने से श्रेष्ठ और विकसित भारत का निर्माण होगा। 


इसी के साथ में अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा। 


जय हिंद - जय भारत 


संविधान से जुड़े रोचक तथ्य
02 भाषाओं हिंदी और इंग्लिश में संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखी, कॉपी हस्तलिखित और कैलीग्राफ्ड थी 
06 महीने की अवधि में लिखे गए संविधान में टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया 
395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे संविधान लागू होने के समय 
284 सदस्य थे इस संविधान को बनाने वाली समिति में, जिन्होंने 24 नवंबर 1949 को संविधान पर दस्तखत किए थे। इसमें से 15 महिला सदस्य थीं
395 अनुच्छेद वाला हमारा पूरा संविधान हाथ से लिखा गया था। 
भारतीय संविधान की पांडुलिपि एक हजार से ज्यादा साल तक बचे रहने वाले सूक्ष्मजीवी रोधक चर्मपत्र पर लिखकर तैयार की गई है। पांडुलिपि में 234 पेज हैं जिनका वजन 13 किलो है।


राष्ट्र प्रेमी - परशुराम शर्मा


मीडिया प्रभारी भारतीय जनता पार्टी दतिया


Popular posts
शादीशुदा BF संग भागी प्रेमिका, प्रेमी की पत्नी नही मानी तो प्रेमी पर दर्ज कराया RAPE का मामला
Image
उत्कृष्ट विद्यालय मुरार में नन्हे नन्हे हाथों ने उकेरी रंगोलियां
Image
बिजली के बिलों में दी जाने वाली रियायतों की छोटे व्यापरियों ने की सराहना
ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
Image
भाजपा शासन के 108 फैसले सही पाए
Image