करीब 2 बजे आयकर दफ्तर पहुंची श्वेता विजय जैन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस पूरे मामले पर वह जेल से बाहर आने के बाद अपनी बेगुनाही साबित करेगी। श्वेता ने हनीट्रैप मामले में अब तक हुई मीडिया कवरेज पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि मुझे ज्यादा बात नहीं करनी है। श्वेता को इंदौर जेल से जेल वाहन में ही लाया गया। सुबह 9 बजे इंदौर से निकली गाड़ी करीब 2 बजे भोपाल पहुंची। उनसे शाम तक पूछताछ जारी रह सकती है।
आईसीआईसीआई के लॉकर में रखे थे दस्तावेज
उल्लेखनीय है कि श्वेता विजय जैन मिनाल रेजीडेंसी में रहती थी। उसने सोनागिरी स्थित आईसीआईसीआई बैंक के लॉकर में नकदी और दस्तावेज रखे थे। हनीट्रैप मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी ने इस लॉकर से 43 लाख रुपए की राशि और लेन-देन के दस्तावेज जब्त किए थे। आयकर विभाग द्वारा जानकारी मांगे जाने पर एसआईटी ने इस पूरी जांच के दौरान मिली नकदी की डिटेल आयकर विभाग को सौंपी थी। इसी आधार पर पिछले हफ्ते श्वेता विजय जैन को पूछताछ के लिए समन भेजा गया था। आयकर विभाग के ज्वाइंट कमिश्नर वेदांत कंवर श्वेता से पूछताछ कर रहे हैं।
17 सितंबर को उजागर हुआ था हनीट्रैप मामला
मप्र का हनीट्रैप कांड 17 सितंबर को तब पहली बार सामने आया, जब इंदौर नगर निगम में कार्यरत इंजीनियर हरभजन सिंह ने पलासिया थाने में खुद को ब्लैकमेल किए जाने की एफआईआर दर्ज कराई थी। हालांकि ये कांड इतना बड़ा बन जाएगा, उसे खुद अंदाजा नहीं रहा होगा। इसके बाद प्रदेश में फैली हनीट्रैप की कहानियां उजागर होनी शुरू हुईं, तब इसमें कई नौकरशाह, राजनेताओं की संदिग्ध भूमिका सामने आई।
एफआईआर में हरभजन सिंह ने दावा किया था कि उन्हें 29 वर्षीय आरती दयाल नाम की एक महिला द्वारा ब्लैकमेल किया जा रहा था। उक्त महिला ने तीन करोड़ रुपये की रंगदारी की मांग की थी और रकम न चुकाने पर इंजीनियर के कथित अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी भी दी गई थी। पुलिस की जांच पता चला कि एक गैर सरकारी संगठन ने कथित तौर पर राजनेताओं, नौकरशाहों और कई बड़े रसूखदारों को ब्लैकमेल करने के लिए उनके अश्लील वीडियो बनाए हैं। पुलिस ने भोपाल की संदिग्ध मास्टरमाइंड श्वेता स्वप्निल जैन सहित पांच महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है।