महिला कलेक्टर ने BJP कार्यकर्ताओं को पीटा


महिला कलेक्टर ने BJP कार्यकर्ताओं को पीटा,


पूर्व सीएम बोले- क्या कलेक्टरी का ज्यादा नशा छा गया कि







भोपाल/ राजगढ़ में सीएए के समर्थन में रैली निकाल रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं की कलेक्टर निधि निवेदिता ने पिटाई की है। पिटाई करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। उसके बाद कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर बीजेपी के निशाने पर आ गई हैं। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दोनों के वीडियो शेयर कर सवाल पूछा है कि आपने कानून की कौन सी किताब पढ़ी है।

कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर पर हमला करने के लिए शिवराज सिंह ने कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने लिखा कि प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस से में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है। कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जाएगा। आज राजगढ़ में डिप्टी कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से सीएए के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चांटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता। क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था।

तीसरे ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान ने लिखा कि कलेक्टर मैडम, आप यह बताइये कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है। सरकार कान खोलकर सुन ले, मैं किसी भी कीमत पर मेरे प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा।

अफसरों को चेतावनी:-

शिवराज सिंह चौहान ने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें परमानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं। बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की जिम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी उर्जा, जज्बा, जुनून और मेहनत लगाएं।

बिना अनुमति के निकाला जुलूस:-

दरअसल, सीएए के समर्थन में राजगढ़ कलेक्टर ने रैली निकालने की अनुमति बीजेपी कार्यकर्ताओं को नहीं दी थी। कलेक्टर ने जिले में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया। बिना अनुमति के ही बीजेपी नेताओं ने सीएए के समर्थन में रैली निकाली तो कलेक्टर ने रोकने के लिए खुद ही मोर्चा संभाल लिया। उसके बाद बीजेपी नेताओं से भिड़ गईं।

उन्होंने लिखा कि क्या कलेक्टरी का इतना ज्यादा नशा छा गया कि आप गली के गुंडे-बदमाशों की तरह नागरिकों को पीटने लगीं? असभ्यता और अनैतिकता की सारी हदें पार की जा चुकी हैं। लोकतंत्र का उपहास है राजगढ़ की घटना! कांग्रेस सरकार प्रदेश के नागरिकों को दबाने और कुचलने में अब अधिकारियों का सहारा ले रही है।