कॉलेज कैंपस काे स्मार्ट बनाने की योजना ठप





भोपाल / ई-शक्ति के अंतर्गत शुरूआती चरण में प्रदेश के 128 कॉलेजों को स्मार्ट कैम्पस में तब्दील करने की योजना थी। ये वे कॉलेज हैं, जहां वाईफाई लगाया जा चुका है। इनमें भोपाल के एमवीएम, हमीदिया, भेल और नवीन कॉलेज समेत दस कॉलेज शामिल हैं। स्मार्ट कैम्पस का मतलब वाईफाई जोन, ई-बुक्स रीडिंग फेसिलिटी, ऑनलाइन एडमिशन, प्रोफेसर के ऑनलाइन लेक्चर और यूट्यूब चैनल आदि शामिल है।

मूल रूप से उपरोक्त योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुरू की गई थी। लेकिन इसे गति दी उच्च शिक्षा विभाग ने। इसके पहले चरण में विभाग ने प्रत्येक शासकीय कॉलेज को एक नोडल सेंटर बनाया है। यहां कॉलेज के ही एक व्यक्ति को नोडल ऑफिसर बनाया गया है। इसका काम था कि वह कॉलेज के अंतर्गत अन्य प्राइवेट कॉलेजों को इस मुहिम से जोड़े। इसके बाद इन चयनित कॉलेजों में ई-लायब्रेरी और वाईफाई का काम पूरा किया गया। लेकिन जानकारी के अभाव में छात्राएं इस सुविधा का लाभ नहीं ले पा रही हैं, जिनके लिए यह योजना बनी है।

योजना के माध्यम से छात्राओं को बताया जाना था कि वे इंटरनेट का सही इस्तेमाल कैसे करें और इसका क्या लाभ होगा? इस अभियान में वर्ल्ड बैंक की तरफ से वित्तीय सहायता दी गई है। इस कवायद का मकसद यह है कि प्रत्येक कॉलेज में 100 फीसदी काम ऑनलाइन हो और उसमें छात्राओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। लेकिन विभाग की यह मंशा अब तक पूरी नहीं हो सकी है। हाल यह है कि कॉलेजों में वाईफाई सिस्टम लग तो गए हैं, लेकिन वे ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं। यू-ट्यूब के लिए कोई लेक्चर रिकॉर्ड नहीं किया जाता है।
समीक्षा कर दोबारा शुरू करवाएंगे

 प्रोजेक्ट तो अच्छा है, लेकिन पिछली सरकार ने कई काम केवल खानापूर्ति के लिए करवाए थे। इसलिए हम इस पूरे प्रोजेक्ट की नए सिरे से समीक्षा करवाएंगे और इसे दोबारा शुरू करेंगे। हमारी प्राथमिकता है कि प्रत्येक कॉलेज स्मार्ट कैम्पस के रूप में डवलप हो और इसका पूरा लाभ छात्र-छात्राओं को मिले। जीतू पटवारी, उच्च शिक्षा मंत्री, मप्र शासन

एक बार सभी विभागों से चर्चा करेंगे

 हमारे विभाग में इस पर काफी काम हुआ है और बाकी विभागों की स्थिति भी जानेंगे। ई-शक्ति योजना से जिन विभागों को जोड़ा गया, उनसे दोबारा पत्राचार करेंगे और जानेंगे कि काम कहां तक पहुंचा। यदि कोई कमी है तो उसे दूर किया जाएगा।। इमरती देवी, मंत्री, महिला एवं बाल विकास विभाग मप्र




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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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