जेएनयू हिंसा पर स्मृति ईरानी ने कहा- शैक्षिक संस्थानों को न बनाया जाए राजनीति का अखाड़ा



अमेठी / जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) हिंसा मामले में केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने अप्रत्यक्ष तौर पर प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा- शैक्षिक संस्थानों को राजनीति का अखाड़ा न बनाया जाए। इससे हमारे जितने भी छात्र हैं, उनके जीवन पर असर पड़ता है। उनकी प्रगति भी असर पड़ता है। कहा- मैं आशावादी हूं कि राजनीतिक अखाड़ा और राजनीतिक मोहरे की तरह छात्रों को इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।


दरअसल, मंत्री स्मृति ईरानी सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचीं। मंत्री ईरानी ने यहां फुरसतगंज में रैन बसेरा का उद्घाटन किया और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों से मुलाकात कर स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली। 



बच्चों की मौत पर कांग्रेस व स्वास्थ्य अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार


वहीं, राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों की मौत पर ईरानी ने रजस्थान की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया। कहा स्वास्थ्य की व्यवस्थाओं में जब कोई गरीब आता है तो इस अपेक्षा के साथ आता है कि भले ही उसके पास पैसे न हों, लेकिन उसे सरकारी संस्थान के माध्यम से संरक्षण और सेवा प्राप्त होगी। प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी बनती है की इस प्रकार की व्यवस्थाओं में अगर कोई चुनौती आती है तो उसे देखते हुए तत्परता से समाधान दे। राजस्थान में जब से मामला सामने आया तब से लेकर आजतक अस्पताल के जो मेडिकल आफिसर्स हैं, जिनको नेशनल प्रोटेक्शन आफ चाइल्ड से समन किया था, जब चेयरमैन वहां गए थे तब भी वो वहां उपस्थित नहीं रहे।


सचिन पायलट के बयान को सराहा


केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि जिम्मेदार लोग अपने दायित्व का निर्वाह किस प्रकार से कर रहे हैं, दायित्व के निर्वाह में क्या चुनौती आ रही है अगर उस पर भी संवाद न करें तो जनता को समाधान देने में निश्चित रुप से चैलेंज और चुनौती आती है। मेरा आग्रह है राजस्थान की सरकार केंद्र की सरकार की ओर से जो पहल हुई है, हर्ष वर्धन जी के नेतृत्व में जो टीम पहुंची और उन्होंने स्वयं कहा के हम मदद करने को तैयार हैं। लेकिन संवाद और समाधान राजस्थान की सरकार को करनी चाहिए। उन्होंने सचिन पायलट के बयान को सराहा और कहा के कमी हुई है उसे राजस्थान की सरकार को स्वीकार किया।