खेती के लिए ट्रैक्टर किराए पर लेकर बेच देता था, 
इंदौर / इंदौर, देवास सहित आसपास के क्षेत्रों में खेती के लिए किराए पर ट्रैक्टर लेकर बेचने वाले आरोपी को इंदौर क्राइम ब्रांच ने हरदा जिले के छीपाबड़ थाना क्षेत्र के ग्राम सारंगपुर से गिरफ्तार कर लिया। वह इसी गांव का रहने वाला है। इस अपराध में उसके दो साथी भी शामिल हैं। क्षिप्रा पुलिस रविवार को उसे हरदा जिले के डोमन मऊ तथा खेड़ी गांव लेकर भी गई। उस पर क्षिप्रा थाने में धारा 420, 406 के तहत केस दर्ज है।
इंदौर पुलिस उप महानिरीक्षक रुचिवर्धन मिश्र ने फरार बदमाशों की धरपकड़ के लिए उन पर इनाम घोषित किया तथा इन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। क्राइम ब्रांच एएसपी अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने आरोपियों की धरपकड़ की। उन्हें सूचना मिली थी कि आरोपी सुनील पिता लखनलाल विश्नोई (39) निवासी सारंगपुर तहसील खिरकिया जिला हरदा अपने गृहग्राम के आसपास की फरारी काट रहा है।
टीम ने उसे कड़ी मशक्कत के बाद छीपाबड़ पुलिस के सहयोग से सारंगपुर से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर दो दिन का रिमांड मांगा। शिप्रा थाने के सब इंस्पेक्टर जीतेंद्र सिंह व एएसआई संजय भदौरिया रविवार को उसे हरदा के डोमन मऊ व खेड़ी लेकर आए। यहां क्या तस्दीक की गई यह पुलिस ने नहीं बताया। सुनील ने इस अपराध में मनोज वैष्णव व विजय वैष्णव के भी शामिल होने की बात कही। पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
यह तीनों इंदौर, देवास क्षेत्र से किराए पर ट्रैक्टर लेकर पंजाब से आए लोगों को कम दाम पर बेच देते थे। यह राशि वे मौज-मस्ती पर खर्च करते थे। सुनील के खिलाफ क्षिप्रा के अलावा राऊ तथा टोंक खुर्द (देवास) थाना में भी केस दर्ज हैं। सोमवार को आरोपियों को इंदौर कोर्ट में पेश किया जाएगा।
गोफन चलाकर सवा लाख रुपए के छह बैल, एक केड़ा ले भागे छह बदमाश
निंबोला में गोफन से पत्थर चलाकर छह बदमाश पशुपालकों से सवा लाख रुपए के छह बैल और एक केड़ा लूट कर धुलकोट के जंगल में भाग गए। वारदात की सूचना मिलने पर निंबोला थाना पुलिस की की दो टीमें सुबह से जंगल में बदमाशाें और बैलों की तलाश में जुटी हुई है। वारदात जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर ग्राम पुरा के चमारिया माल के कच्चे रास्ते पर हुई।
पुलिस ने पशुपालकों से आवेदन लेकर मामला जांच में लिया है।पशु पालकों द्वारा निंबोला थाना प्रभारी जगदीश सिंधिया को दिए बयान अनुसार शनिवार को बदनापुर निवासी फेरांग पिता कनसिंह के दो बैल, भास्कर पिता नहारसिंह के दाे बैल, जलांद्रा निवासी धर्मेंद्र पिता बाबूलाल का एक बैल, इरफान पिता डूमा का एक केड़ा और सुरपाल पिता फेरांग का एक बैल बेचने बोरगांवबुजुर्ग गए थे। यहां कोई खरीदार नहीं मिलने पर पांचों पशुपालक बैल और केड़े को लेकर घर लौट रहे थे।