, डेढ़ किमी की दूरी तय कर बग्घीखाना पहुंची, रामकथा में उमड़े श्रद्धालु
शहर के बग्गीखाना स्थित सबरीधाम पर 14 दिवसीय श्रीराम कथा की शुरुआत मातृका पूजन के साथ शुक्रवार को हुई। बग्गीखाना प्रांगण से हजारों महिलाएं 51 कन्याओं के साथ कलश यात्रा के साथ निकलीं। 51 कन्याएं लाल रंग की चुनरी के नीचे चल रही थीं। एक किमी से ज्यादा लंबी यात्रा में आगे श्रीराम कथा समिति के सदस्य चल रहे थे।
बाजार में जगह-जगह छतों पर खड़ीं महिलाओं और बच्चों ने चुनरी व कलश यात्रा पर पुष्प वर्षा कर वातावरण को धार्मिक बना दिया। चुनरी यात्रा बग्गीखाना प्रांगण से गाजे बाजे के साथ प्रारंभ होकर दारूगर की पुलिया, बिहारी जी रोड, बड़ी तिगैलिया, गांधी रोड, गोविंद मंदिर के सामने से होती हुई विजय काली बड़ी माता मंदिर पहुंची। यहां कन्याओं ने मां विजय काली माता को फेरी लगाई और चुनरी ओढ़े हुए वापस बड़ा बाजार होते हुए किलाचौक पर चुनरी यात्रा का समापन हुआ। इसी के साथ बग्गीखाना प्रांगण में 12 जनवरी तक चलने वाली श्रीराम कथा की भी शुरुआत हो गई। कथा व्यास रामस्वरूपाचार्य जी महाराज प्रतिदिन दोपहर डेढ़ बजे से श्रीराम कथा सुनाएंगे। 13 जनवरी को दोपहर 12 बजे मेहंदी श्रंगार, महिला संगीत, 14 को मंडपाच्छादन कार्यक्रम होगा। 15 जनवरी को शाम के समय मंडी प्रांगण से 51 दूल्हे 51 घोड़ों पर सवार होकर बारात में निकलेंगे। बारात में डीजे, बैंड बाजे तो शामिल होंगे ही, साथ ही जगह-जगह दूल्हों का समाज सेवियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा तिलक कर उपहार भेंट भी किए जाएंगे।
हजारों महिलाओं के साथ 51 कन्याएं चुनरी ओढ़कर विजयकाली बड़ी माता मंदिर से बग्गीखाना तक पहुंची।
बाजार में जगह-जगह छतों पर खड़ीं महिलाओं और बच्चों ने चुनरी व कलश यात्रा पर पुष्प वर्षा कर वातावरण को धार्मिक बना दिया। चुनरी यात्रा बग्गीखाना प्रांगण से गाजे बाजे के साथ प्रारंभ होकर दारूगर की पुलिया, बिहारी जी रोड, बड़ी तिगैलिया, गांधी रोड, गोविंद मंदिर के सामने से होती हुई विजय काली बड़ी माता मंदिर पहुंची। यहां कन्याओं ने मां विजय काली माता को फेरी लगाई और चुनरी ओढ़े हुए वापस बड़ा बाजार होते हुए किलाचौक पर चुनरी यात्रा का समापन हुआ। इसी के साथ बग्गीखाना प्रांगण में 12 जनवरी तक चलने वाली श्रीराम कथा की भी शुरुआत हो गई। कथा व्यास रामस्वरूपाचार्य जी महाराज प्रतिदिन दोपहर डेढ़ बजे से श्रीराम कथा सुनाएंगे। 13 जनवरी को दोपहर 12 बजे मेहंदी श्रंगार, महिला संगीत, 14 को मंडपाच्छादन कार्यक्रम होगा। 15 जनवरी को शाम के समय मंडी प्रांगण से 51 दूल्हे 51 घोड़ों पर सवार होकर बारात में निकलेंगे। बारात में डीजे, बैंड बाजे तो शामिल होंगे ही, साथ ही जगह-जगह दूल्हों का समाज सेवियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा तिलक कर उपहार भेंट भी किए जाएंगे।
हजारों महिलाओं के साथ 51 कन्याएं चुनरी ओढ़कर विजयकाली बड़ी माता मंदिर से बग्गीखाना तक पहुंची।