गांव के बच्चों को बॉस्केटबॉल चैंपियन बनाने में जुटा अमेरिका रिटर्न प्रद्युत  


गांव के बच्चों के साथ कोच प्रद्युत।



मेट्रोपोलिटन सिटी नोएडा के रहने वाले प्रद्युत वोलेटी 2014 में अमेरिका से बास्केटबॉल की ट्रेनिंग लेकर अपने देश लौटे। मन में कुछ अलग और बड़ा करने की चाह थी। इसी उधेड़बुन में दिन कट रहे थे। नोएडा में उनके घर के पास ही एक गांव गेजा है। प्रद्युत के ड्राइवर भी उसी गांव के हैं। उन्होंने सलाह दी कि कुछ अलग करना है तो गांव के गरीब बच्चों के लिए कुछ कीजिए। प्रद्युत को सलाह अच्छी लगी और वह गरीब बच्चों को बास्केटबॉल चैम्पियन बनाने गांव पहुंच गए। लेकिन ड्राइवर के दो बच्चों के अलावा उनके साथ कोई खड़ा नहीं हुआ। अब यहां से प्रद्युत की अग्नि परीक्षा शुरू हुई। 



प्रद्युत के सामने दो बड़ी परेशानियां थी, एक तो बच्चों को इकठ्ठा करना और दूसरा मैदान का इंतजाम करना। गांव वालों को समझाने पर मैदान का इंतजाम किसी तरह हो गया। लेकिन बच्चों को इकठ्ठा करना बड़ा मुश्किल था। बच्चे एक दिन इकठ्ठा होते तो दूसरे दिन नहीं आते थे। प्रद्युत बताते हैं कि यह आदत धीरे धीरे खत्म हुई। जब उनमें खेल के द्वारा अनुशासन, क्षमता विकसित हुई। अब हाल यह है कि गांव के सभी छोटे-बड़े बच्चे बास्केटबॉल खेलते हैं। इस गांव में लगभग 650 बच्चे हैं। यही नहीं प्रद्युत ने आसपास के गांव में भी अपना प्रोग्राम चलाया। इस समय लगभग 1 हजार से डेढ़ हजार बच्चे बास्केटबॉल खेल रहे हैं। इनमें से कुछ बच्चे अमेरिका जैसे देशों में भी खेल कर आए हैं। कुछ बच्चे अंडर 14 टीम में खेल रहे हैं। कुछ नेशनल के लिए क्वालीफाई कर रहे हैं। 


इन बच्चों के साथ प्रद्युत अलग अलग टूर्नामेंट्स में प्रतिभाग करते हैं और जीती हुई राशि से बच्चों को गेम सीखा रहे हैं। प्रद्युत कहते हैं कि मेरा मकसद प्लेयर बनाना नहीं, बल्कि उन बच्चों तक खेल को पहुंचाना है। जिनके पास खेल की सुविधा भी नहीं है। पिछले 5 सालों में प्रद्युत ने अपनी एक संस्था ड्रिबल एकेडेमी बनायी है। जिसमें कोचेस की टीम है, जो बच्चों को अस्थायी मैदानों में बास्केटबॉल सिखा रहे हैं। प्रद्युत कहते हैं कि मेरी सरकार से यही मांग है कि मुझे एक मैदान उपलब्ध कराया जाए। जहां मैं बच्चों को उनकी क्षमतानुसार खेल सिखा सकूं। प्रद्युत ने केबीसी में 17 लाख रूपए जीते थे, जिसे इसी काम में लगा दिया। वह बच्चों को बास्केट बॉल से लेकर जूते, कपडे, डाइट भी फ्री उपलब्ध करवाते हैं।