एसिड अटैक से आंखें गंवा चुकी युवती की हाईकोर्ट से गुहार- खुलेआम बिक रहा है एसिड

, इसे रुकवाएं



इंदौर / एसिड अटैक पीड़ित एक युवती ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर गुहार लगाई है कि शहर में खुलेआम एसिड बिक रहा है। दुकानदार नाम, पता, पहचान पत्र और कारण पूछे बगैर एसिड बेच रहे हैं, इसे रुकवाया जाए। पीड़िता की ओर से अधिवक्ता शन्नो शगुफ्ता खान पैरवी कर रही हैं। गुरुवार को हाईकोर्ट ने प्रशासन को नोटिस भी जारी कर दिया है।


याचिका में उल्लेख किया है हाईकोर्ट परिसर के आसपास की दुकानों में भी एसिड बगैर लाइसेंस बिक रहा है। याचिका दायर करने से पहले वकालत पढ़ रहे 50 छात्रों ने अलग-अलग दुकानें से एसिड खरीदा, लेकिन किसी ने पूछताछ तक नहीं की। अधिवक्ता खान के मुताबिक नवंबर 2018 में इंदौर निवासी पीड़िता के चेहरे पर आरोपी ने एसिड फेंका था, जिससे उसकी आंखें जल गईं।


इंदौर निवासी पीड़ित युवती को आरोपी शादी के लिए परेशान कर रहा था। नवंबर 2018 में आरोपी ने उसे मिलने बुलाया। युवती जैसे ही करीब पहुंची, उसने चेहरे पर एसिड फेंक दिया। एसिड उसकी आंखों में चला गया। इससे दोनों आंखें जल गईं और दिखना बंद हो गया।


आरोपी ने बाद में बताया कि दुकान से महज 20 रुपए में एसिड खरीदा था। अधिवक्ता खान की अर्जी पर युवती का मुफ्त इलाज हैदराबाद में हुआ। उसे आर्टिफिशियल आंख भी लगाई। हालांकि आंखों से दिखता तो नहीं, लेकिन आंख असली जैसी लगती है।


डायन, चुड़ैल बोल महिलाओं को प्रताड़ित करने के मामले में सरकार को नोटिस


महिलाओं को डायन, चुड़ैल बोलकर प्रताड़ित करने, यौन शोषण करने के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने मप्र सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। सरकार को बताना होगा कि इस कुप्रथा की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए। याचिका में राजस्थान की तरह मप्र में भी कानून बनाने की मांग की है। रोहित सेठिया द्वारा दायर याचिका पर डिवीजन बेंच के समक्ष सुनवाई हुई।  


याचिका में उल्लेख किया गया कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक पिछले साल 200 से ज्यादा महिलाओं में भूत-प्रेत होने के आरोप में उन्हें प्रताड़ित किया। उन पर तांत्रिक क्रिया की। उनसे ज्यादती भी की गई। प्रताड़नाओं के चलते कई महिलाओं की मौत भी हो गई, लेकिन किसी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।


परिवार, मोहल्ले के लोग ऐसी महिलाओं को डायन, चुड़ैल बोलकर बहिष्कार करते हैं। उन्हें तांत्रिकों के हवाले कर देते हैं। राजस्थान, महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में इस कुप्रथा को रोकने और प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कानून बनाया है। अब प्रदेश में भी ऐसा ही कानून लाना चाहिए।