एसटीएफ को अमले की कमी से जांच में आ रही मुश्किल

एसटीएफ को अमले की कमी से जांच में आ रही मुश्किल



भोपाल / प्रदेश में सरकार बदलने के बाद एक बार फिर से शुरू की गई देश के सबसे चर्चित व्यापमं घोटाले की जांच में एसटीएफ को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह है उसके पास कर्मचारियों की भारी कमी। बीते 29 दिनों में एसटीएफ द्वारा 13 एफआईआर दर्ज करने के बाद अब नई जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। स्टाफ की कमी के कारण आरोपियों के बयान के साथ तमाम केस में सबूत जुटाने में दिक्कत आ रही है। एसटीएफ एडीजी अशोक अवस्थी ने पत्र लिखकर राज्य शासन से स्टॉफ बढ़ाने की मांग की है। स्वीकृत पद के अनुसार भी अधिकारी और कर्मचारी नहीं है। एसटीएफ के पास 5 एसपी की जगह 4 एसपी एवं 9 डीएसपी की जगह सिर्फ एक डीएसपी है। 34 टीआई की जगह 12 टीआई और 30 एसआई की जगह 15 एसआई ही हैं।
100 एफआईआर और दर्ज होंगी
एसटीएफ 29 दिनों में 13 मुकदमे दर्ज कर चुकी है। 197 शिकायतों की जांच कर रही है। इन शिकायतों में से करीब 100 एफआईआर दर्ज होंगी। ऐसे में एसटीएफ को तेजी से जांच करने के लिए और अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत है। 2013 में व्यापमं घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद तत्कालीन शिवराज सरकार ने एसटीएफ को जांच सौंपी थी। तब एसटीएफ के तत्कालीन अफसरों ने 21 नवंबर 2014 को विज्ञप्ति जारी कर लोगों से नाम या गुमनाम सूचनाएं आमंत्रित की थीं। इसमें 1357 शिकायतें एसटीएफ को मिली थीं। इसमें से 307 शिकायतों की जांच कर 79 एफआईआर दर्ज की गई थीं। 1050 शिकायतों में से 530 जिला पुलिस के पास जांच के लिए भेजी गईं और 197 शिकायतें एसटीएफ अफसरों ने अपने पास रख लीं। बाकी 323 शिकायतों को नस्तीबद्ध कर दिया जिसमें गुमनाम होने को आधार बनाया गया था। इन्हीं 197 शिकायतों की जांच एसटीएफ दोबारा कर रही है।



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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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