दूसरे शहर कचरे के निपटारे के उपाय खोज रहे जबकि इंदौर के लोग कचरे से फर्नीचर बना रहे



इंदौर / स्वच्छता में लगातार तीन बार अव्वल रहने के बाद शहर के लोग चौथी बार भी इस स्थान पर बने रहने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इंदौर में घर से निकलने वाले कचरे का उपयोग कर फर्नीचर बनाया जा रहा है जबकि अन्य शहर कचरे के निपटारे के उपाय खोज रहे हैं।


सिस्टम : 80 टन प्लास्टिक रोज निकल रहा


इंदौर। शहर से राेज 80 टन प्लास्टिक कचरा निकलकर ट्रेंचिंग ग्राउंड में पहुंचता है। यहां इसकी छंटनी की जाती है। फिर इससे प्लास्टिक पाइप, कुर्सियां, पाइप, माॅड्यूलर फर्नीचर बनाए जा रहे हैं। जो प्लास्टिक रिसाइकल के बाद बच जाता है, उससे डीजल बनाने का काम प्रायोगिक तौर पर शुरू किया है। अभी दो हजार लीटर रोज बन रहा है, जिससे ट्रेंचिंग ग्राउंड के वाहन चलाते हैं।


फायदा : हर साल मिलते हैं 1.59 करोड़


निगम नेप्रा कंपनी को कचरा व प्लास्टिक देता है, उसे अलग-अलग करने के लिए कंपनी ने 30 करोड़ का प्लांट ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगाया है। इसके बावजूद कंपनी निगम को हर साल 1.41 करोड़ रुपए देती है। इसके अलावा ह्युमन मैट्रिक्स निगम को सालाना 18 लाख रुपए देता है। इस तरह 1.59 करोड़ रुपए सालाना निगम को सिर्फ कचरा देने से मिलते हैं।


योजना : हर घर से खरीदेंगे कचरा


निगम शहर के लाेगों से ढाई रुपए किलो में कचरा खरीद रहा है। अभी यह काम 22 हजार घरों में शुरू हो चुका है, जिसे आगे बढ़ाकर हर घर तक पहुंचना है। इस सूखे कचरे में अखबार, कागज, प्लास्टिक, लोहा और अन्य किसी भी तरह का भंगार शामिल है।



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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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