छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश समेत देशभर में 36 हत्याओं के दो आरोपी गिरफ्तार

, भोपाल से लाए गए बेमेतरा



बेमेतरा / छत्तीसगढ़ की बेमेतरा पुलिस ने गुरुवार को हत्या के दो आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार किया। इन्हें प्रोटेक्शन वारंट पर बेमेतरा लाया गया । इन पर ट्रक लूटने के लिए ये देशभर में 36 हत्याएं करने का आरोप है। अप्रैल 2018 में इन्होंने बेमेतरा जिले में दो हत्याएं की थी। आरोपियों में रायसेन का रहने वाला आदेश खांबरा और भोपाल का रहने वाला जयकरण सिंह शामिल हैं। हाइवे पर यह ट्रक लूट की घटना को अंजाम दिया करते थे। आरोपियों ने ओड़िशा, महाराष्ट्र और बिहार में भी हत्या और लूट की घटनाओं अंजाम दिया। सभी राज्यों की पुलिस सिलसिलेवार हत्याओं की कड़ियों को जोड़ रही है। ताकि आरोपियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके। 


हत्या के बाद नदी में फेंकी लाश 


इन्हें सितंबर 2018 को मंडीदीप, भोपाल (मप्र) में गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों तब से वहां की केंद्रीय जेल में बंद थे। बेमेतरा के एसडीओपी राजीव शर्मा ने बताया कि 2018 में हुई की घटना में इन्होंने ड्राइवर संजय चौरसिया की लाश को बांधकर शिवनाथ नदी पर बने नए पुल के पास फेंका था। वहीं कंडक्टर प्रेम अनुरागी की लाश को रतनपुर (बिलासपुर) में फेंका था। हत्या के बाद लूट का ट्रक लेकर बिहार चले गए थे। ट्रक को वहां साहेब सिंह नाम के व्यक्ति के पास बेच दिया था। फिर साहेब सिंह ने किसी दूसरे को ट्रक बेचकर पैसा आरोपियों को दिया। इसके बाद दोनों आरोपी चिचोला (महाराष्ट्र) चले गए, वहां भी ट्रक लूटने के लिए 3 हत्याएं की। इसके बाद वे राजनांदगांव भी आए थे। 


ऐसे देते थे घटनाओं को अंजाम 


ट्रक लूटने के लिए आरोपी आदेश खांबरा और जयकरण प्रजापति ड्राइवर से दोस्ती कर लेते। फिर साथ में भोजन करने के बहाने खाने में नशीली दवा देकर ड्राइवर-कंडक्टर को बेहोश करते और उनकी हत्या कर देते थे। आरोपी जयकरण जिन ट्रकों को लूटता था, उनके चालकों की हत्या के बाद वह भोपाल में ही लूट का माल खपाता था। जबकि आदेश खांबरा ग्वालियर नेटवर्क के जरिए लूट का सामान बेचता था।  सितंबर 2018 में जयकरण ने भोपाल में ही हत्या करने के बाद ट्रक समेत चोरी का शक्कर वहीं बेच दिया, जिससे वह पकड़ा गया। तभी उसने अपने साथी आदेश खांबरा के बारे में पुलिस को बता दिया था। 


18 साल से जारी लूट और हत्याएं 


पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी आदेश खांबरा ने 18 साल पहले इस तरह के अपराध करना शुरू किया था। पैसा कमाने का यह तरीका आदेश के आसान लगने लगा, लूट मामले में वह वर्ष 2002 में भोपाल जेल में बंद था, जहां उसकी दोस्ती संदेश उर्फ पप्पी खांबरा से हुई। जेल से रिहा होने के बाद दोनों सिलसिलेवार लूट व हत्याएं करने लगे। वर्ष 2013 में आदेश ने पप्पी का साथ छोड़ जयकरण और तुकाराम बंजारा नाम के अन्य आरोपियों से से हाथ मिला लिया। आरोपी तुकाराम इन दिनों केंद्रीय जेल भोपाल में बंद है।