ब्यास और घग्गर में गिर रहा 90 टाउन का दूषित पानी

, साफ करने को लगाए जाएंगे 1139 एसटीपी



पटियाला /  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की सख्ती के बाद पंजाब पाॅल्यूशन कंट्राेल बाेर्ड (पीपीसीबी) ने सर्वे कराया। इसमें पता चला कि सतलुज, ब्यास और घग्गर दरिया में 90 टाउन का सीवरेज व केमिकल का प्रदूषित पानी घुल रहा है। तीनाें दरियाओं का पानी साफ करने के लिए 1139 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाए जाएंगे। पीपीसीबी का दावा है कि सभी प्लांट्स का काम 31 दिसंबर 21 तक पूरा हाे जाएगा। इनमें कुछ प्लांट दाे से तीन महीने यानी मार्च में तैयार हाे जाएंगे, बाकी का काम तेजी से करने की हिदायत है।


दरअसल, एनजीटी ने 100 फीसद (एसटीपी) सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाना जरूरी किया है। काम काे लेकर गठित माॅनीटरिंग कमेटी हर दूसरे महीने एनजीटी काे प्राेग्रेस रिपाेर्ट भेजेगी। कमेटी की रिपाेर्ट के आधार पर एनजीटी सरकार से जवाब तलबी करेगी।
 


47 इंडस्ट्रियाें में नहीं ओसीईएमएस


इसके अलावा बुड्ढे नाले से सरहिंद कैनाल में राेजाना 200 क्यूसिक गंदा पानी जाता है। इससे कैनाल का पानी भी दूषित हाेता है। पानी की क्वाॅलिटी सुधारने को पीपीसीबी काम कर रहा है। घग्गर नदी, ब्यास और सतलज के जलग्रहण क्षेत्र में पड़ने वाली इंडस्ट्रीज 50 केएलडी या इससे अधिक के डिस्चार्ज को ऑनलाइन माॅनिटर कंटीन्यूज इंफ्फुलेएंट माॅनिटरिंग सिस्टम से देखा जाएगा। अभी पंजाब की 119 इंडस्ट्रइज हैं इनमें से 72 इंडस्ट्रियाें ने ओसीईएमएस लगाया है, बाकी सभी में अगले साल तक लगाने के आदेश हुए हैं।
 


यहां-यहां लगेंगे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी)






























दरियाटाउनएसटीपी
सतलुज42931
ब्यास1658
घग्गर32150
टाेकल901139

       
50 एमएलडी की तैयारी


पीपीसीबी ने तीनाें दरियाें से लगते टाउन का सर्वे कराया था। सीवरेज व केमिकल पानी का ट्रीटमेंट करने के लिए 3 काॅमन इफ्फलुएंट प्लांट काम का शुरू होगा। 40 एमएलडी जल्द पूरा हाेने वाला है जबकि 50 एमएलडी का काम शुरू करने की तैयारी है।
इंजी. करुणेश गर्ग, मेंबर सेक्रेटरी, पीपीसीबी, पटियाला