अगले चुनाव में जीत के लिए 25 हजार यूथ वोटर्स को गांधी दर्शन पढ़ाएंगे नाथ

अगले चुनाव में जीत के लिए 25 हजार यूथ वोटर्स को गांधी दर्शन पढ़ाएंगे नाथ



भोपाल / डेढ़ दशक बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस अब सूबे में 10 साल सत्ता में बने रहने का प्लान बना रही है। उसकी नजर प्रदेश के यूथ वोटर्स पर है। फोकस मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले अगले विधान सभा चुनाव पर है। सरकार की पहली सालगिरह मनाने के बाद कमलनाथ सरकार अब नए वोटरों को साधने में जुट गई है। उसका टारगेट 2023 में 18 साल पूरे करने वाले यूथ वोटर्स हैं। सीएम कमलनाथ इन नवयुवाओं से खुद सीधे संवाद करेंगे। इसकी शुरुआत वो अपने निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा से कर रहे हैं। छह जनवरी को छिंदवाड़ा में बड़े कार्यक्रम की तैयारी है। 2018 के चुनाव में युवा वोटरों को साधने में सफल रही कांग्रेस अब 2023 के चुनाव में भी नये वोटरों को रिझाने की तैयारी में है। इसके लिए कमलनाथ सरकार ने मिशन यूथ पर अमल शुरू कर दिया है।
विकास का छिंदवाड़ा मॉडल
स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि छह जनवरी को छिंदवाड़ा में छात्रों के बीच सीएम कमलनाथ पहुंचेंगे और सरकार के विजन के साथ ही छिंदवाड़ा के विकास मॉडल को प्रदेश का मॉडल बनने की जानकारी देंगे। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के मुताबिक सीएम कमलनाथ का जोर छात्रों को भारत की परंपरा और भविष्य के लिए तैयार करने पर है। छिंदवाड़ा के बाद इस तरह के आयोजन पूरे प्रदेश में होंगे।
गांधी दर्शन और युवा
कांग्रेस पूरे प्रदेश में गांधी यात्राएं निकाल रही है। इसी तरह की एक यात्रा छह जनवरी को छिंदावाड़ा पहुंच रही है। इसी मौके पर आयोजित कार्यक्रम में सीएम कमलनाथ युवाओं से संवाद कर उन्हें गांधी दर्शन पढ़ाएंगे, ताकि युवा वर्ग गांधी के विचारों को जानें और समझें। साथ ही कांग्रेस सरकार के विजन से भी रूबरू हो सकें। इस आयोजन के लिए शिक्षा विभाग ने पच्चीस हजार छात्रों को जुटाने का टारगेट तय किया है।
25 हजार युवाओं से संवाद
छिंदवाड़ा में सीएम कमलनाथ ग्यारवीं-बारहवीं और कॉलेज गोइंग पच्चीस हजार छात्रों से सीधे संवाद करेंगे। वो उन्हें सरकार के विजन 2020-25 के बारे में बताएंगे। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष में नये यूथ को गांधी के विचारों से भी जोड़ा जाएगा। साथ ही सरकार ये भी बताएगी कि किस तरीके से छिंदवाड़ा का विकास मॉडल अब पूरे प्रदेश का विकास मॉडल बन रहा है।
युवाओं के हाथ सत्ता की डोर
दरअसल किसी भी चुनाव में 18 साल से लेकर 29 की उम्र के यूथ वोटर निर्णायक होते हैं। मध्य प्रदेश के 2018 के विधान सभा चुनाव पर नजर डालें तो-मप्र के पांच करोड़ मतदाताओं में पहली बार वोट देने वाले 18-19 साल के मतदाताओं की संख्या 16 लाख थी। इनमें से 12 लाख मतदाताओं ने पहली बार वोट का इस्तेमाल किया। 20 से 29 उम्र के मतदाताओं की संख्या 1 करोड़ 37 थी। मतलब साफ है कि सीएम कमलनाथ का सत्ता में बने रहने का मिशन-10 का सफर प्रदेश के युवा तय करेंगे।