लिमिट का रोड़ा हुआ खत्म, 
धान खरीदी केन्द्रों से लिमिट खरीदी का रोड़ा हट गया है। प्रशासन ने समितिवार खरीदी की समीक्षा करने के बाद लिमिट समाप्त कर बारदाना की उपलब्धता के आधार पर खरीदी करने के निर्देश दिए हैं। लिमिट का नियम हटने से किसानों को राहत मिली है तो वहीं समिति प्रबंधकों की परेशानी बढ़ गई है। केन्द्रों में किसानों की भीड़ लगने लगी है। प्रशासन ने तय कर दिया है कि शेष बचे किसानों को 15 फरवरी तक ही टोकन जारी किया जाए। इसके बाद एक भी किसानों का धान नहीं खरीदा जाएगा।
लिमिट खरीदी के बाद भी जिले के 117 खरीदी केन्द्रों में से 42 से 43 केन्द्र ऐसे हैं जहां पर बंपर लिमिट पार हो चुका है और इन केन्द्रों में धान रखने की जगह तक नहीं है। इस वजह से खरीदी की गति धीमी हो गई है। दरअसल रखरखाव में ही आधा समय बीत रहा है। परिवहन भी लचर है। संग्रहण केन्द्रों के लिए उठाव नहीं होने से केन्द्रों में धान जाम की स्थिति बनी हुई है।
आए दिन हो रहा था विवाद: 1 दिसंबर से अब तक 72 हजार 829 किसानों ने ही धान बेचा है। हजारों किसान अभी वेटिंग में चल रहे हैं। इन्हे टोकन तो जारी किया गया है पर जगह का अभाव होने और लिमिट खरीदी का नियम होने की वजह से दो से तीन बार धान लेकर बुलाना पड़ रहा है। हालांकि अब लिमिट का नियम खत्म होने से ऐसे किसानों को राहत मिलेगी।
लिमिट खरीदी की वजह से समिति प्रबंधकों पर भी दबाव बना हुआ था। आए दिन विवाद की स्थिति भी बन रही थी।
राजनांदगांव. सिंघोला में बंपर लिमिट से अधिक धान खरीदी हो गई है।
खरीदी केंद्रों में बारदाना पर्याप्त रखना होगा
अब बारदाना की उपलब्धता के आधार पर खरीदी की जानी है पर कुछ केन्द्र ऐसे हैं जहां पर बारदाना का संकट बना हुआ है। पर्याप्त बारदाना नहीं होने की वजह से टोकन के बाद भी किसानों को लौटाना पड़ रहा है। वनांचल के केन्द्रों में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। समिति प्रबंधकों का कहना है कि बार-बार डिमांड भेजे जाने के बाद भी नए बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही है।
कलेक्टर ने की समीक्षा
लिमिट खरीदी के बाद भी जिले के 117 खरीदी केन्द्रों में से 42 से 43 केन्द्र ऐसे हैं जहां पर बंपर लिमिट पार हो चुका है और इन केन्द्रों में धान रखने की जगह तक नहीं है। इस वजह से खरीदी की गति धीमी हो गई है। दरअसल रखरखाव में ही आधा समय बीत रहा है। परिवहन भी लचर है। संग्रहण केन्द्रों के लिए उठाव नहीं होने से केन्द्रों में धान जाम की स्थिति बनी हुई है।
आए दिन हो रहा था विवाद: 1 दिसंबर से अब तक 72 हजार 829 किसानों ने ही धान बेचा है। हजारों किसान अभी वेटिंग में चल रहे हैं। इन्हे टोकन तो जारी किया गया है पर जगह का अभाव होने और लिमिट खरीदी का नियम होने की वजह से दो से तीन बार धान लेकर बुलाना पड़ रहा है। हालांकि अब लिमिट का नियम खत्म होने से ऐसे किसानों को राहत मिलेगी।
लिमिट खरीदी की वजह से समिति प्रबंधकों पर भी दबाव बना हुआ था। आए दिन विवाद की स्थिति भी बन रही थी।
राजनांदगांव. सिंघोला में बंपर लिमिट से अधिक धान खरीदी हो गई है।
खरीदी केंद्रों में बारदाना पर्याप्त रखना होगा
अब बारदाना की उपलब्धता के आधार पर खरीदी की जानी है पर कुछ केन्द्र ऐसे हैं जहां पर बारदाना का संकट बना हुआ है। पर्याप्त बारदाना नहीं होने की वजह से टोकन के बाद भी किसानों को लौटाना पड़ रहा है। वनांचल के केन्द्रों में ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है। समिति प्रबंधकों का कहना है कि बार-बार डिमांड भेजे जाने के बाद भी नए बारदानों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं की जा रही है।
कलेक्टर ने की समीक्षा