7 विभागों से कलेक्टर ने रिपोर्ट मांगी थी

, 90 दिन में भी किसी ने नहीं दी



जयपुर / राजधानी जयपुर के कलेक्टर के आदेशों की हालत देखिए। आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े मसलों को लेकर कलेक्टर ने सात प्रमुख विभागों के अफसरों से रिपोर्ट तबल की थी, लेकिन विभाग के प्रमुख अफसरों ने इसको कोई तवज्जों नहीं दी। कलेक्टर की ओर से पिछले तीन महीनों में मांगी गई रिपोर्ट एक भी विभाग ने समिट नहीं की।


इसमें जेडीए, निगम, बिजली, पानी से लेकर मेडिकल और पीडब्ल्यूडी जैसे महकमे शामिल हैं।  कलेक्टर डा. जोगाराम ने अब विभागीय अधिकारियों की लेटलीतीफी पर सख्ती दिखाई है। इन महकमों से जुड़े तमाम अधिकारियों को  रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।


पीएचईडी : 21 अक्टूबर को पीएचईडी अधिकारियों  ने विकास समितियों के द्वारा की जा रही जलापूर्ति की जांच कर रिपोर्ट


सौंपने को कहा था लेकिन ढाई महीने के बाद भी पीएचईडी अधिकारियों ने रिपोर्ट पेश नहीं की।


स्वास्थ्य विभाग : नकली मावे की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक इंस्पेक्टर को हर महीने में अाठ सैंपल लेने


को कहा था। परंतु एक स्वास्थ्य इंस्पेक्टर तीन से ज्यादा कार्रवाई नहीं कर पाया।


जेडीए : वेडिंग सीजन से पहले निगम और जेडीए अफसरों को कृषि भूमि पर बने मैरिज गार्डन में सुरक्षा उपायों की जांच और


कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी थी। दोनों विभागों ने आज तक रिपोर्ट नहीं दी गई है। 


खाद्य विभाग: राशन डीलरों द्वारा कार्डों में फर्जी आधार जाेड़ कर गेंहूू घोटाले में 13 नवंबर कलेक्टर ने डीएसओ को जांच के


आदेश दिए थे। राशन कार्ड के आधार नंबर की अब तक जांच नहीं हुई। 


चिकित्सा विभाग : 4 नवंबर  की बैठक में अफसरों ने डेंगू के 1012 मामले अाने की जानकारी दी। डेंगू की रोकथाम के लिए


सीएमएचओ व निगम को प्लान देने लिए निर्देश दिए थे। प्लान आज तक नहीं दिया। 


पीडब्लूडी : अधिकारियों ने जिले में ग्रामीण सड़कों को संताेषजनक बताकर 100% सही बताया था। तत्कालीन कलेक्टर


जगरूप सिंह यादव नेअाॅडिट को कहा था। अब तक जांच रिपोर्ट नहीं साैंपी गई। 


निगम : शहर में समय पर कचरा नहीं उठने, फोगिंग की कमी के कारण डेंगू के सम्बन्धी शिकायतों को लेकर 11 नवंबर को


निगम के अफसरों को सफाई कार्याें की निगरानी एवं समन्वय के लिए एसडीएम, एसीएम स्तर के अधिकारियों की जोनवार नियुक्ति की गई। अधिकारियों ने नवंबर में ताे निगम के जाेनाें की रिपोर्ट दी, इसके बाद कलेक्टर के आदेश हवा कर दिए। आज तक किसी भी अफसर ने रिपोर्ट नहीं दी है।