विद्युत ने की खूब मेहनत

, लेकिन हिट फार्मूले के बावजूद फीकी है 'कमांडो 3' की कहानी





 





 
































रेटिंग2.5/5
स्टारकास्टविद्युत जामवाल, अदा शर्मा, अंगिरा धर, राजेश तेलंग, सुमित ठाकुर और गुलशन देवैया
निर्देशकआदित्य दत्त
निर्माताविपुल अमृतलाल शाह
म्यूजिकमनन शाह, विक्रम मोन्त्रोसे
जोनरएक्शन थ्रिलर
अवधि133 मिनट

बॉलीवुड /  कोई कहानी-कंसेप्ट-आइडिया सफल हो जाए तो बॉलीवुड तब तक उसका पीछा नहीं छोड़ता, जब तक उसे पूरा निचोड न लिया जाए। आतंकवाद-देशभक्ति और बहादुरी का फॉर्मूला हरदम हिट रहता है, ऐसे में 'कमांडो' इसी विचार-कथा के साथ सामने आई और इस फ्रेंचाइजी की पिछली दोनों रिलीज ('कमांडो', 'कमांडो-2') हिट भी रहीं। जाहिर है कि तीसरी कड़ी आनी ही थी।




  1. कहानी का नहीं पड़ता खास असर


    फ़िल्म की स्टोरी लाइन के मुताबिक, एक कमांडो अपनी जांबाजी व समझदारी से 9/11 जैसी आतंकी कार्रवाई को सफल नहीं होने देता। एक्शन फिल्मों से कहानी की खास उम्मीद नहीं की जाती, इसलिए यहां वो नदारद भी है। कहानी के स्तर पर फिल्म में विविधता नहीं दिखती। संवाद और स्पेशल इफेक्ट्स खास असर नहीं छोड़ पाते, पर मार्क हैमिल्टन की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग चुस्त है।


     




  2. एक सीन ने बढ़ाया विवाद


    फिल्म के एक्शन दृश्य जबर्दस्त हैं। एक्शन डायरेक्टर एंडी लॉग, आलन अमीन व रवि वर्मा के निर्देशन में विद्युत जामवाल ने बेहतरीन फुर्ती-चपलता और देह भाषा के जरिए मारधाड़ के दृश्यों को प्रभावी और विश्वसनीय बना दिया है। उनका अभिनय भी पहले से सुधरा है। अदा शर्मा ने विद्युत का साथ अच्छी तरह दिया है। उनका हैदराबादी एक्सेंट मज़ेदार है। कम स्क्रीन स्पेस में अंगिरा का एक्शन चौंकाता है, वहीं विलेन के रूप में गुलशन देवैया ने अपनी भूमिका दमदार तरीके से निभाई है। वे किरदार के मुताबिक, क्रूर दिखते हैं। फिल्म के क्लाइमैक्स में एक सकारात्मक संदेश भी है, जो दिलचस्पी बढ़ाता है। हालांकि 'कमांडो 3' के एक दृश्य (पहलवान द्वारा स्कूली छात्रा की स्कर्ट खींचने) की वजह से कंट्रोवर्सी शुरू हो गई है, जिससे बचा जा सकता था।





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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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