; डीजीपी बोले- हिंसा मामले की एसआईटी करेगी जांच, एएसपी होंगे प्रमुख
नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में हुई थी हिंसा
हिंसा में 19 लोगों की गई जान, अब तक 327 एफआईआर दर्ज
लखनऊ / नागरिकता संशोधन काननू के विरोध में उत्तर प्रदेश के जिलों में हिंसा की जांच एसआईटी करेगी। डीजीपी ओपी सिंह ने इस बाबत गुरुवार को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं। जिलों में अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम की अध्यक्षता एसआईटी का गठन होगा। जिन जिलों में एएसपी क्राइम का पद नहीं है, वहां एएसपी सिटी एसआई प्रमुख होंगे। दर्ज मुकदमों की विवेचना में अपर पुलिस महानिदेशक जोन/पुलिस उप महानिरीक्षक परिक्षेत्र प्राथमिकता के आधार पर सहयोग करेंगे।
डीजीपी ओपी सिंह ने सख्त हिदायत दी है कि, बगैर सबूत के किसी भी अभियुक्त की गिरफ्तारी न की जाए। किसी भी सूरत में निर्दोषों को परेशान न किया जाए। अभियुक्तों की गिरफ्तारी साक्ष्य, तथ्यों को जुटाकर किया जाए। यह भी ध्यान रखना होगा कि, गिरफ्तारी के समय मारपीट या अभद्रता किसी भी दशा में नहीं होनी चाहिए। यदि नामजद व्यक्ति की हिंसा में संलिप्तता उजागर नहीं होती है तो उसे तत्काल सूचित कर दिया जाए।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में विगत दिनों हिंसा हुई थी। प्रदेशभर में अब तक 327 एफआइआर दर्ज हुई है। 1,113 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि, 5,558 पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। हिंसा में अब तक 19 की मौत हो चुकी है। 288 पुलिसकर्मी घायल हुए, जिसमें 61 पुलिसकर्मी गोली लगने से घायल हुए हैं। हिंसा के दौरान 647 खोखे, 69 जिंदा कारतूस और 35 देसी तमंचे बरामद हुए हैं।
वहीं, सोशल मीडिया भड़काऊ पोस्ट करने वाले 124 लोग गिरफ्तार हुए हैं। इस मामले में 93 एफआईआर दर्ज हुई है। 19409 सोशल मीडिया पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जिसमें 9,372 टि्वटर पोस्ट, 9,856 फेसबुक पोस्ट और 181 यूट्यूब प्रोफाइल को ब्लॉक किया गया है।