शिवानी शिवाजी राव बनकर छाईं रानी मुखर्जी

, विलेन के रोल में विशाल जेठवा की भी हो रही तारीफ





 





 
































रेटिंग3.5/5
स्टारकास्टरानी मुखर्जी, विशाल जेठवा
निर्देशकगोपी पुथरण
निर्माताआदित्य चोपड़ा
जोनरक्राइम
म्यूजिकजॉन स्टीवर्ट अडुरी
अवधि105 मिनट

बॉलीवुड  /  रेप और महिलाओं पर होने वाली हिंसा को केंद्र में रख 'मर्दानी-2' बनाई गई है। निर्भया केस के बाद से नाबालिग अपराधियों को बाल सुधार गृह भेजने के बजाय बालिग अपराधियों सा सलूक का मुद्दा भी यहां है। उस पर हालांकि खुला स्टैंड इस फिल्म में नहीं लिया गया है।


नाबालिग विलेन सनी को एक खास इरादे के लिए वहां के दबंग नेताओं ने मेरठ से कोटा बुलवाया है। मेरठ भी भारत के उन इलाकों सा है, जहां के लोगों में मर्दवादी मानसिकता ज्यादा है। औरतों को पांवों की जूती समझा जाता है। सरल शब्दों में कहें तो सनी खूंखार सायको किलर और यौन अपराधी है।


खैर, शिवानी शिवाजी रॉय कोटा शहर की एसपी हैं। शहर भारत का कोचिंग सेंटर का हब है। इंजीनियरिंग, मेडिकल और एमबीए की तैयारियों को समूचे देश से यहां स्टूडेंट्स जुटते हैं। उनमें कुछ स्टूडेंट्स सनी का ईगो हर्ट करती हैं। बदले में सायको सनी उनका बलात्कार और निर्ममता से हत्याएं करता है। खुद को बड़ा शातिर समझता है। एसपी शिवानी शिवाजी रॉय को चैलेंज करता रहता है। फिर शुरू होती है पुलिस और अपराधी के बीच चूहे बिल्ली का खेल। यह फिल्म एक ऐसे समय में आई है, जब पूरा देश प्रियंका रेड्डी वारदात के चलते उबल रहा है। उनके रेपिस्टों के एनकाउंटर पर भी बहुसंख्यकों का समर्थन हासिल है। फिल्म में भी उसके करीब सा पोएटिक जस्टिस है।


फिल्म बड़ी बहस और पड़ताल से चूक जाती है। बहस यह कि नाबालिग अपराधियों के साथ साफ तौर पर क्या सलूक किया जाए? पड़ताल इस बात की कि आखिर सेक्स ऑफेंडर्स के नासूर से समाज और परिवार को कैसे निजात दिलाई जाए? क्या एक सनी या हैदराबाद रेप के आरोपियों के एनकाउंटर से माहौल सही हो जाएगा? यौन अपराध कम हो जाएंगे? सनी जैसे किशोर क्यों सेक्स ऑफेंडर बनते हैं? क्या उनका इलाज मुमकिन नहीं? इन सवालों के जवाब के साथ बनी फिल्म का इंतजार 'मर्दानी-2' पूरा नहीं करती। उस अधूरेपन के साथ भी यह एक जरूरी फिल्म है।


सनी के रोल में विशाल जेठवा इस फिल्म की खोज हैं। पर्दे पर उनके किरदार को नफरत भरी निगाहों से देखा जाएगा, मगर अपनी अदायगी से उन्होंने सबका दिल जीता है। शिवानी शिवाजी रॉय के रोल में रानी मुखर्जी को उन्होंने बराबर की टक्कर दी है। मर्दानी फ्रेंचाइजी की बात ही की जाए तो विलेन की कास्टिंग निर्माता एप्ट करते रहे हैं। बाकी कलाकारों का भी साथ मिला है। फिल्म को सीरियस टोन का रखने को गाने नहीं रखे गए हैं। बहुत जल्द मुद्दे पर आती है। रफ्तार तेज रखी गई है। डायरेक्टर गोपी पुथरण स्क्रीनप्ले में नयापन लेकर आने में सफल हुए हैं। एडिटिंग टाइट रखी गई है। खुद रानी मुखर्जी ने सधी हुई अदाकारी की है। शिवानी के इमोशन को उन्होंने बहुत नपा-तुला रखा है।