सरकार से आए कंबल जिला अस्पतालों के स्टोर में बंद

, मरीज ठंड में घर से रजाइयां लाने को मजबूर





गुरु नानक देव अस्पताल की सर्जिकल वार्ड नंबर 4 में दाखिल मरीज दिलबाग सिंह, जो पिछले 10 दिन से अस्पताल में दाखिल है, मगर उनके परिजनों को घर से रजाइयां लानी पड़ीं।





अमृतसर और तरनतारन के अस्पतालाें में 6 डिग्री में ठिठुरते मिले मरीज


10 दिन से जीएनडीएच में दाखिल मरीज को भी घर से लानी पड़ी रजाई


 

अमृतसर / पंजाब सरकार सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं देने के दावे करती नहीं थकती, मगर हकीकत कुछ और ही है। हालत यह है कि कंपकंपाती सर्दी में मरीजों को कंबल तक नहीं दिए जा रहे। सरकार ने अस्पतालों में मरीजों के लिए जो कंबल भेजे थे, उन्हें अस्पताल प्रबंधकों ने स्टोर में बंद कर रखा है। मरीज घर से रजाइयां लाने को मजबूर हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने बुधवार को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल, जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल और तरनतारन के सिविल अस्पताल में रियलिटी जानी।


बुधवार रात अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में पहुंची भास्कर टीम को यहां के दो वार्डों के स्टाफ ने मरीजाें को कंबल न देने के अजब ही तर्क दिए। इमरजेंसी वार्ड के स्टाफ का कहना था कि अगर मरीजों को कंबल दे दो तो वे उसे घर ले जाते हैं। वहीं सर्जिकल वार्ड के स्टाफ का जवाब था कि जिसे जरूरत हो उसी को कंबल देते हैं। मगर जब उनसे पूछा गया कि क्या इतनी ठंड में इन मरीजों को कंबलों की जरूरत नहीं तो वह चुप्पी साध गए।


दिलबाग सिंह निवासी फतेहगढ़ चूड़ियां रोड, जोकि पिछले 10 दिन से गुरु नानक देव अस्पताल में दाखिल है, उन्हें अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कोई भी कंबल नहीं दिया गया। दिलबाग सिंह की दूर की रिश्तेदार परमजीत कौर का कहना है कि वह भी फतेहगढ़ चूड़ियां रोड रहती है। उन्हें पता चला था कि दिलबाग सिंह की तबीयत ठीक नहीं है। पता चला तो वह अस्पताल पहुंची। दो दिन पहले उसका ऑपरेशन हो चुका है। वह घर से ही रजाई लेकर आई है।


इमरजेंसी स्टाफ बोला-जिन्हें दे दो वह घर ले जाते हैं
गुरु नानक देव अस्पताल में पहुंचे तो वहां इमरजेंसी में तैनात स्टाफ का कहना था कि उन्हीं मरीजों को दिया जाता है, जिन्हें जरूरत हो। उनका कहना था कि अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीज खुद ही घर से ले आते हैं। जिन्हें दे भी दिया जाता है तो वह घर ले जाते हैं।



सर्जिकल वार्ड का कहना-जिन्हें जरूरत हो, उन्हें ही देते हैं
वहीं सर्जिकल वार्ड नंबर 4 जिसमें दिलबाग सिंह दाखिल था, उसके पास कंबल नहीं था तो वहां तैनात स्टाफ नर्स से कंबल न देने के बारे में पूछा गया तो उसका कहना था कि कंबल उन्हें ही दिया जाता है, जिन्हें जरूरत हो। वह लोग कंबल घर से ही लाए आए थे, इसलिए उन्हें कंबल नहीं दिया गया।



तरनतारन में नर्स बोली-सरकार कंबल नहीं देती तो हम कहां से दें
तरनतारन सिविल अस्पताल में सर्जिकल वार्ड नंबर 3 में 11 मरीज दाखिल थे। अधिकतर मरीजों के पास कंबल थे, लेकिन यह कंबल वो थे, जो वह अपने घरों से लाए थे। 3-4 मरीज बिना कंबल के थे, जिन्हें उनके साथ उपचाराधीन बाकी मरीजों के परिजनों ने घर से लाकर कंबल दिए थे। यहां दाखिल मरीज जसवंत सिंह, अर्शदीप सिंह, करनैल सिंह आदि ने बताया कि वह 6 दिन से वार्ड में दाखिल हैं। अस्पताल की तरफ से उन्हें कोई कंबल नहीं दिया गया। उन्हें अपने-अपने घरों से चादरें और कंबल लेकर आने पड़े। जब मरीजों को कंबल न देने के बारे में यहां के स्टाफ से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि सरकार कंबल नहीं देती है तो हम मरीजों को कहां से देंगे।


अस्पतालोंमें दिए हैं कंबल: सिविल सर्जन
इस संबंध में तरनतारन के सिविल सर्जन डाॅ. अनूप कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार ने कंबल दिए हैं। अगर ये मरीजों को नहीं दिए तो सिविल अस्पताल के एसएमओ से जवाब मांगा जाएगा। अस्पताल में उपलब्ध कंबलों की रिपोर्ट भी मांगी जाएगी। वहीं जब उन्हें अस्पताल की नर्स के बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में सारे स्टाफ से मीटिंग की जाएगी।



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