नए बजट में कई पुरानी योजनाएं होगीं बंद
, नई योजनाओं को मिलेगा महत्व
भोपाल / अगले वित्त वर्ष के लिए लाए जाने वाले बजट का स्वरुप इस बार पूरी तरह से अलग होगा। इसमें खर्च में कमी लाने के लिए कई पुरानी योजनाओं में कटौती की जाने की तैयारी है। यही नहीं बजट का युक्तियुक्करण के प्रयासों के लिए कई तरह के नियमों में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। यही नहीं निगम-मंडलों के बजट में भी कटौती किया जाना तय है। नए बजट की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि पुरानी कई योजनाओं को बंद कर नई योजनाओं को शुरु किया जाएगा। इस दौरान उन योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जिसमें अधिक से अधिक लोग शामिल होंगे। नए बजट को लेकर बीते एक पखवाड़े से तैयारी की जा रही है। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि सभी वित्तीय सलाहकार नए वित्तीय वर्ष के बजट को लेकर खासतौर पर सावधानी बरतें। अभी विभाग बजट की सीलिंग पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। ऐसे में सबसे पहले बजट सीलिंग पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाए।
बजट में नहीं होगी ज्यादा बढ़ोतरी
चालू वित्तीय वर्ष का बजट करीब दो लाख 33 हजार करोड़ का था। इस बजट की राशि जुटाने में सरकार को पसीने आ गए। बजट के अनुसार सरकार के पास पैसे नहीं आए। इससे बजट का पूरा खाका बिगड़ गया। अगले बार के बजट में इस तरह की समस्या को दूर करने की कोशिश की जा रही है।
वेतन, भत्तों के अलावा देनदारिया पर फोकस
मप्र सरकार पर ऋणों की देनदारियां करीब पौने दो लाख के ऊपर पहुंच चुकी है। इसमें हर महीने की बढ़ोत्तरी हो रही है। अगले वित्तीय वर्ष में इस पर ब्याज की राशि बढ़ जाएगी। विभागीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे यह भी ध्यान रखें कि आखिर में कितनी देनदारियां देनी है। इस पर ब्याज की कितनी राशि खर्च होगी। लंबित देनदारी में राज्य का कितना हिस्सा होना है। कुल लंबित देनदारी की स्थिति क्या है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि देनदारियों से आशय ऐसी राशि से है, जिसे विधिवत योजना में व्यय किया गया हो, देयक प्राप्त हो गए हो, परंतु भुगतान नहीं हो सका है।