मृतक के भाई ने कहा- समय से मिल जाता इलाज तो आज जिंदा होता मोहसिन



मेरठ में मारे गए मोहसिन की बहन शाहीन ने बताया कि उनका भाई सामान लेने गया था, लेकिन लौटकर नहीं आया।




मेरठ / मोहसिन भी मेरठ की हिंसा में मारा गया था। वो कबाड़ का काम करता था। उसका 6 महीने का बच्चा है। तीन साल की बेटी भी है। माहौल ठीक नहीं होने के कारण उस दिन मोहसिन नमाज पढ़कर घर आ गया। थोड़ी देर बाद जब माहौल शांत हुआ तो घर का कुछ सामान लेने निकला। लेकिन, ये उसकी जिंदगी का आखिर सफर बन गया। मोहसिन के भाई इमरान कहते हैं- गोली लगने के बाद मैं उसे हॉस्पिटल ले गया, लेकिन उसे एडमिट नहीं किया गया। मैं उसे मेडिकल कॉलेज ले गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। अगर समय से इलाज मिल जाता तो शायद मेरा भाई जिंदा बच जाता। प्रशासन ने दबाव में शव को दफना दिया। इरफान आरोप लगाते हैं कि जहां मोहसिन को गोली मारी गई वहां हिंसा नहीं हुई थी। पुलिसवालों के साथ सादे कपड़ों में कुछ लोग थे जो गोलियां चला रहे थे। अभी हमारा मुकदमा भी नहीं लिखा गया है न ही हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिली है।