जम्मू कश्मीर के बंदियों को रास नहीं आ रही आबोहवा

, नैनी में तीन की सेहत नाजुक, 7 दिन पहले एक की हुई थी मौत





 





बीते 11 अगस्त को जम्मू कश्मीर से 20 बंदियों को नैनी सेंट्रल जेल में किया गया था शिफ्ट


20 दिसंबर को एक बंदी की हुई मौत, 19 अन्य की भी सेहत चल रही खराब


 

प्रयागराज /  अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर से उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंदी शिफ्ट हुए थे। प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में भी 20 बंदी लाए गए थे। लेकिन इन बंदियों को यहां की आबोहवा रास नहीं आ रही है। जो पहले से बीमार थे, उनकी मर्ज गंभीर हो चुकी है। 20 दिसंबर की रात जमात-ए-इस्लामिया गुट से जुड़े बंदी गुलाम मोहम्मद भट की मौत हो गई थी। तीन और बंदियों की हालत बेहद नाजुक है। जेल प्रशासन का कहना है कि, जम्मू-कश्मीर से लाए गए यहां सभी बंदियों पेट दर्द, सिर चकराने जैसी कई समस्याएं हैं। समुचित इलाज चल रहा है। 


जम्मू कश्मीर के विभिन्न जनपद कारागारों से 11 अगस्त को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत निरुद्ध आदेश संख्या 18 डीएमके/पीएसए ऑफ 2019 के तहत कुल 20 बंदियों को कड़ी सुरक्षा के बीच नैनी सेट्रल जेल लाया गया था। यहां पर सभी कैदियों को हाई सिक्योरिटी सेल में तगड़ी निगरानी में रखा गया है। एहतियातन जेल के बाहर भी अतिरिक्त पुलिस एवं पीएसी लगाई गई है। जेल प्रशासन के मुताबिक इन बंदियों को गत 11 अगस्त को जब यहां लाया गया था तभी से चार बंदी बहुत बीमार थे।


जिनका जेल अस्पताल से लेकर काल्विन और एसआरएन हॉस्पिटल तक लगातार इलाज कराया जा रहा है। इनमें से एक बंदी गुलाम मोहम्मद भट्ट (70) पुत्र मोहम्मद सुल्तान भट्ट निवासी बोनापोरा, कुपवाड़ा, जम्मू कश्मीर जिसे जिला कारागार अनंतनाग से यहां ट्रांसफर किया गया था, की लंबी बीमारी के बाद हफ्ता भर पहले स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में इलाज के दौरान मौत हो गई। 


जमात-ए-इस्लामिया गुट से जुड़े तीन अन्य बंदियों की हालत अभी भी बेहद खराब है। जिनका इलाज चल रहा है।  बाकी बचे 16 अन्य कैदियों को भी पेट, सिर चकराना समेत अन्य बीमारियां आए दिन घेरे रहती हैं। जिसकी वजह से वह डिप्रेशन में रह रहे हैं। जेल अस्पताल में इन सभी का इलाज चल रहा है।


ये बंदी, जो गंभीर रूप से बीमार


गुलाम कादिर लोन पुत्र गुलाम मोहम्मद लोन जिसकी उम्र करीब 65 वर्ष। इस बंदी को हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, क्रॉनिक एवं किडनी डिजीज समेत कई गंभीर बीमारियां हैं। यह कश्मीर का रहने वाला है।


शब्बीर अहमद, जिसकी उम्र करीब 35 साल है। इसे बेहोशी और चक्कर आने की समस्या है। जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया है कि इसे भी दिल और लीवर की बीमारी है।


तौसीफ अहमद डार, जिसकी उम्र करीब 45 साल है। यह अभी कश्मीर का रहने वाला है और पब्लिक सेफ्टी एक्ट में जम्मू कश्मीर में निरुद्ध किया गया है। इसे भी हाई ब्लड प्रेशर, लीवर इंफेक्शन, हार्ट एवं किडनी डिजीज के साथ-साथ बेहोशी की समस्या है।



बंदियों के स्वास्थ्य की समस्या बरकरार वरिष्ठ जेल अधीक्षक हरिबक्श सिंह ने बताया कि, एक बंदी की मौत हो चुकी है। तीन बंदियों की हालत खराब है। जिनका जेल अस्पताल से लेकर मेडिकल कालेज तक में इलाज कराया जा रहा है। जेल में पीए (परमानेंट एडवांस) के तहत के इनका प्राइवेट सेंटरों में जांच भी कराई गई है। जम्मू कश्मीर के बंदियों को यहां स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। 



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