हाईकोर्ट में नए जज भर्ती न हुए तो 2020 में 50 में से सिर्फ 18 बचेंगे

, हर जज पर 9068 की जगह 25190 केस होंगे





साल 2019 के नवंबर महीने के अंत तक हाईकोर्ट में 4,53,436 मुकदमे लंबित थे।





इस साल रिटायर होंगे 3 जज, एक साल में हाईकोर्ट में बदल गए 3 सीजे, 64 प्रतिशत पद खाली


अभी 4.5 लाख से भी ज्यादा केस लंबित हैं, यह संख्या और बढ़ेगी


 

जयपुर / हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जोधपुर व जयपुर पीठ में लंबित मुकदमों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। साल 2019 के नवंबर महीने के अंत तक हाईकोर्ट में 4,53,436 मुकदमे लंबित थे। इनमें से जयपुर पीठ में 2,74,098 मुकदमे और मुख्यपीठ जोधपुर में 1,79,338 मुकदमे लंबित हैं। हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों में बढ़ोतरी का एक मुख्य कारण हाईकोर्ट में जजों की कमी का होना भी है। ऐसे में आगामी साल 2020 में यदि नए जजों की नियुक्ति नहीं हुई तो केसों में सुनवाई के लिए सीजे सहित महज 18 जज ही रह जाएंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि साल 2020 में हाईकोर्ट के जज जस्टिस महेन्द्र कुमार माहेश्वरी मार्च में, जस्टिस जीआर मूलचंदानी अप्रैल और जस्टिस अभय चतुर्वेदी सितंबर महीने में रिटायर हो जाएंगे। ऐसे में हाईकोर्ट में जजों के 32 पद खाली हो जाएंगे यानि 64 फीसदी पदों पर जज ही नहीं होगें और केवल 36 फीसदी जज ही हाईकोर्ट में सुनवाई कर रहे होंगे। फिलहाल हाईकोर्ट में सीजे सहित 21 जज कार्यरत हैं। फिलहाल एक जज पर 21592 केसों का भार, पूरे 50 जज होते तो 9068 केस का ही भार होता।


मौजूदा 21 जजों में से प्रत्येक पर 21592 केस का बोझ, वक्त पर न्याय कैसे मिले


हाईकोर्ट में लंबित मुकदमों के आंकड़ों की बात करें तो जोधपुर मुख्यपीठ व जयपुर पीठ में नवंबर महीने तक 4,53,436 मुकदमे लंबित थे। ऐसे में सीजे सहित सीजे सहित मौजूदा 21 जजों पर केसों के भार की बात करें तो हर जज पर 21592 केसों का भार है। यदि हाईकोर्ट में पूरे स्वीकृत 50 पदों पर जज होते तो एक जज पर 9068 मुकदमों का ही भार होता। यदि आगामी साल में नए जजों की नियुक्तियां नहीं हुईं तो तीन जज रिटायर होने पर 18 जजों में से प्रत्येक पर 25,190 मुकदमे होंगे।


खाली होने वाले पदों पर 6 माह पहले नाम भेजें


हाईकोर्ट के रिटायर न्यायाधीश पानाचंद जैन का कहना है कि हाईकोर्ट जजों के रिटायर होने से छह महीने पहले ही खाली होने वाले पदों के लिए हाईकोर्ट का कॉलेजियम भेजे जाने वाले नामों की स्क्रूटनी करे। जज नियुक्ति के लिए भेजे जाने वाले नामों पर हाईकोर्ट की पूर्णपीठ में भी चर्चा हो। वहीं एक कमेटी भी बनाई जाए, जो नए जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को देखें और इसमें होने वाली देरी के कारणों का पता लगाकर उसे दूर करें।


5 जज रिटायर, 2 ट्रांसफर हुए, पर नियुक्त हुए 3 जज


2019 में हाईकोर्ट के 5 जज जस्टिस केएस अहलूवालिया , बनवारी लाल शर्मा, जस्टिस वीएस सिराधना, जस्टिस पीके लोहरा और जस्टिस आलोक शर्मा रिटायर हुए। जस्टिस मोहम्मद रफीक को मेघालय हाईकोर्ट का सीजे बनाया था और जस्टिस एमएन भंडारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया था। ऐसे में 7 पद खाली हुए। पर हाईकोर्ट में तीन नए जजों की ही नियुक्ति हो सकी। इस साल न्यायिक अधिकारी कोटे से जस्टिस अभय चतुर्वेदी व जस्टिस एनएस ढड्‌ढा की और वकील कोटे से जस्टिस महेन्द्र गोयल नियुक्त हुए।