फर्जी जाति प्रमाण-पत्र का मामला, अगली सुनवाई 7 जनवरी को
ग्वालियर / फर्जी जाति प्रमाण-पत्र मामले में गुना सांसद डाॅ. केपी यादव को हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई है। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने उनका जाति प्रमाण-पत्र निरस्त होने के बाद दर्ज एआईआर पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश शासन काे दिए हैं। इससे यादव की गिरफ्तारी नहीं हो सकेगी।
मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी को होगी। उल्लेखनीय है कि दरअसल, गिर्राज सिंह ने एसडीएम से शिकायत की, जिसमें यह कहा गया कि गुना सांसद ने 2014 में तथ्यों को छिपाकर अन्य पिछड़ा वर्ग (नाॅन-क्रीमीलेयर) का जाति प्रमाण-पत्र बनवाया।
प्रमाण पत्र बनवाने के लिए उन्होंने बताया कि उनकी सालाना आय आठ लाख से कम है, जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी आय 39 लाख रुपए बताई थी। इस मामले की जांच के बाद एसडीएम ने उनका व बेटे का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया। जिसके बाद उनके व बेटे के खिलाफ मुंगावली कोतवाली पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।