दुकान से लौट रहा था अलीम, पर घर नहीं पहुंच सका



अलीम के दिव्यांग भाई सलाउद्दीन का आरोप हैं कि गोली तो पुलिस वालों ने ही मारी है।




मेरठ  / हिंसा में मारे गए 5 लोगों में अलीम भी शामिल था। वो रोटी बनाने का काम करता था। दिन के चार-पांच सौ रुपए कमाता था। इसी से घर का खर्च चलता था। माहौल खराब होने के कारण उस दिन दुकान बंद थी तो अलीम घर लौट रहा था। लेकिन, वो घर नहीं पहुंच सका। रास्ते में गोली का शिकार हो गया। अलीम के दिव्यांग भाई सलाउद्दीन आरोप लगाते हैं कि गोली तो पुलिस वालों ने ही मारी है। जब मुझे सूचना मिली तो मैं हॉस्पिटल पहुंचा फिर पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा, लेकिन भाई की शक्ल तक देखने को नहीं मिली। तकरीबन 14 घंटे की जद्दोजहद के बाद मेरा भाई मिला, जिससे मैं अब कभी बात भी नहीं कर सकता।