देश के लिए 2 अहम लड़ाइयां लड़ने वाले सुखदेव सिंह का निधन

, सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई












 







25 जून, 1934 को कोठे गज्जन सिंह वाला में वीर सिंह और भाग कौर के घर हुआ था सुखदेव सिंह का जन्म


1955 में फौज की सिख रेजिमेंट में भर्ती हुए सुखदेव सिंह ने 1962 में अरुणाचल प्रदेश में तो 1965 में जम्मू-कश्मीर के छंब जोड़ियां बार्डर पर लड़ी लड़ाई


1967 दौरान रिटायर हो जाने के बाद गांव के पंच भी रहे, ग्रामीण बोले-मिलनसार थे सुखदेव


फरीदकोट / फरीदकोट में शुक्रवार को पूर्व सैनिक सुखदेव सिंह को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। देश के लिए 1962 में चीन के साथ और 1965 में पाकिस्तान के साथ लड़ी गई लड़ाई में बहादुरी का परिचय देने वाले सुखदेव सिंह का बीते दिन 86 साल की उम्र में निधन हो गया था। आज उनके गांव ढिलवां में सूबेदार राम महेश के नेतृत्व में फौजी टुकड़ी ने सलामी दी। स्व. सुखदेव सिंह के 3 बेटों में से कुलवंत सिंह बिजली निगम में, राजेंद्र सिंह कृषि विज्ञान केंद्र में नौकरी करते हैं और सबसे छोटा बेटा खेती करता है। उनकी पत्नी गुरमीत कौर ने बताया कि उनके पति फौज से रिटायर होने के बाद पंचायत मेंबर भी रहे।


सुखदेव सिंह का जन्म 25 जून, 1934 को कोठे गज्जन सिंह वाला में वीर सिंह और भाग कौर के घर हुआ था। 4 भाइयों और 2 बहनों के भाई सुखदेव सिंह के दिल में बचपन से ही देशभक्ति का जज्बा होने के कारण वह भारतीय फौज में भर्ती हो गए। बेटे राजेंद्र सिंह ढिल्लों और पूर्व सैनिक गुरसेवक सिंह ने बताया कि सुखदेव सिंह 1955 में फौज की सिख रेजिमेंट में भर्ती हुए सुखदेव सिंह ने 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई के दौरान अरुणाचल प्रदेश के त्वांग सेक्टर में बहादुरी का परिचय दिया। इसके बाद 1965 में पाकिस्तान के साथ हुई लड़ाई दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर के छंब जोड़ियां बार्डर पर देश के लिए दुश्मन से लोहा लिया। फिर अपनी शानदार सेवाओं के बाद वह वर्ष 1967 दौरान रिटायर हो गए थे।


गांव ढिलवां कलां की सोसायटी के प्रधान कुलवंत सिंह, चमकौर सिंह मौजूदा सरपंच, दर्शन सिंह पूर्व सरपंच, रणजीत सिंह एमसी. आदि ने बताया कि स्व. सुखदेव सिंह बहुत ही मिलनसार स्वभाव के थे। देशभक्ति के साथ-साथ समाज सेवा के क्षेत्र में भी वह हमेशा आगे रहे और गांव वासियों के हर दुख-सुख में आगे होकर उनके साथ खड़े रहे। उन्होंने अपने पैतृक गांव कोठे गज्जन सिंह के पंच के तौर पर भी सेवाएं दी।


शुक्रवार को वीर सैनिक की अंतिम विदाई के मौके पर पूर्व विधायक मनतार सिंह बराड़, कृषि विज्ञान केंद्र के डायरैक्टर जगदीश ग्रोवर, डॉ. आरके सिंह, डाॅ. गुरदर्शन सिंह, राजकुमार बावा, मनजतिन्द्र सिंह, जंग सिंह, कुलदीप कुमार, कुलदीप सिंह उपस्थित रहे। वहीं गुरतेज सिंह, डाॅ. सुखविन्द्र सिंह, गुरजंट सिंह बाबा फरीद यूनिवर्सिटी, एमसी डाॅ. रणजीत सिंह और नछत्तर सिंह नंबरदार ने भी श्रद्धांजलि भेंट की।



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