डीएनए टेस्ट न कराने वाले 1100 पुलिस वालों को हाईकोर्ट के नोटिस

डीएनए टेस्ट न कराने वाले 1100 पुलिस वालों को हाईकोर्ट के नोटिस



भोपाल / प्रदेश के इतिहास में शायद पहली बार हाईकोर्ट के निर्देश का पालन न करने पर 1100 से अधिक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है। हाईकोर्ट ने पुलिस मुख्यालय से दंडित किए गए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची तथा दिए गए दंड की विस्तृत जानकारी मांगी है। इससे विभाग में हडक़ंप मच गया है। पहली बार हाईकोर्ट ने किसी मामले में इस तरह की जानकारी मांगी है। जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार पॉक्सो एक्ट में आरोपी के खिलाफ चालान पेश करने से पहले उसका डीएनए टेस्ट कराना जरूरी होता है, लेकिन कई पुलिस अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, जिससे उन्हें दंडित किया जा रहा है। नियमानुसार 18 वर्ष से कम उम्र की बच्ची के साथ यदि गलत काम होता है, तो मेडिकल परीक्षण के दौरान जांचकर्ता अधिकारी को स्लाइड सुरक्षित रखवानी पड़ती है। स्लाइड के परीक्षण में यदि मानव शुक्राणु मिलते हैं, तो आरोपी का डीएनए टेस्ट कराया जाना चाहिए। पीडि़ता का डीएनए टेस्ट उसकी सहमति के बिना नहीं हो सकता, जबकि आरोपी का डीएनए टेस्ट कराना जांचकर्ता अधिकारी को चालान पेश करने से पहले जरूरी होता है। डीएनए टेस्ट न कराए जाने के कारण पॉक्सो एक्ट के अधिकांश आरोपी न्यायालय से छूट जाते हैं।