कई पूर्व वायुयोद्धा बने समारोह के साक्षी
इसके साथ ही थम गया चालीस वर्ष लम्बा मिग-27 का सफर
आखिरी सफर से लौटे फाइटर जेट का वाटर कैनन से शानदार स्वागत
जोधपुर / इंडियन एयर फोर्स शुक्रवार को अपने चार दशक पुराने बहादुर यानि फाइटर जेट मिग-27 को अलविदा कह रही है। जोधपुर एयर बेस पर भव्य समारोह की शुरुआत हो चुकी है। वायुयोद्धा हवा व जमीन पर अपना कौशल प्रदर्शित कर रहे है। वहीं मिग-27 के सात विमानों का बेड़ा अपनी अंतिम उड़ान पर रवाना हो चुका है। कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के लिए प्रसिद्ध इन विमानों ने बेहद कम ऊंचाई पर गरजते हुए बेहतरीन फोरमेशन बना एक बार फिर अपनी क्षमता दर्शाई कि उसे यो ही बहादुर नहीं कहा जाता है।
एयरफोर्स के आला अधिकारियों सहित करीब पचास पूर्व पायलट्स कभी बेहतरीन रहे इस फाइटर जेट की विदाई के साक्षा बने। सभी सातों फाइटर के वापस लौटने पर लोगों की नकर्तल ध्वनि के बीच सभी को वाटर कैनन सलामी दी गई। इसके साथ ही ये फाइटर अतीत का हिस्सा बन गए।
जोधपुर एयर बेस पर शुरू हुए भव्य समारोह में सबसे पहले वायुयोद्धाओं ने अपनी शानदार परेड से लोगों का दिल जीत लिया। इसके बाद एक-एक कर सात मिग-27 विमानों ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अपनी उड़ान पर रवाना हुए। वहीं इस दौरान सूर्यकिरण टीम ने बी उड़ान भरी। मिग-27 जहां आसमान की ऊंचाइयां नाम रहे थे वहीं सूर्यकिरण टीम हैरत अंगेज करतब दिखा सभी का मन मोह रही थी। इसके बाद वेस्टर्न कमांड के चीफ एयर मार्शल बी सुरेश के नेतृत्व में सातों मिग-27 विमानों ने तेज गर्जना के साथ कम ऊंचाई पर अलग-अलग फोरमेशन बनाते उड़ान भर रिटायर्ड हो रहे इस विमान का आकिरी बार जलवा दिखाया।
ऐसे होता है विमान का रिटायरमेंट
अपनी अंतिम उड़ान से लौटने के पश्चात सभी मिग-27 विमान के पायलट्स ने इसकी उड़ान डायरी व फार्म 700 जोधपुर एयरबेस के कमांडर फिलिप थामस को सौंपे। उन्होंने एओसी इन सी एयर मार्शल एसके गोटिया को यह सारे कागजात सौंप मिग-27 विमानों के औपचारिक रूप से रिटायर्ड होने की प्रक्रिया पूरी की। प्रत्येक विमान की एक डायरी होती है। इस डायरी में सम्बन्धित विमान के पहली उड़ान भरने से लेकर अब तक की संपूर्ण जानकारी होती है। साथ ही फार्म 700 को रिटायरमेंट पर भरा जाता है।
अब यह होगा इन विमानों का
एयरफोर्स के एक अधिकारी ने बताया कि ये विमान फिलहाल जोधपुर एयर बेस पर ही खड़े रहेंगे। लेकिन इनके रिटायरमेंट की जानकारी रक्षा मंत्रालय को भेजी जाएगी। रक्षा मंत्रालय कई बार विभिन्न शहरों या संस्थानों में प्रतीक के तौर पर पुराने विमानों को प्रदर्शन के लिए रखने के लिए उपलब्ध कराता है। रक्षा मंत्रालय के निर्देश पर किसी अन्य स्थान पर भेजने से पूर्व इसके महत्वपूर्ण कलपुर्जे बाहर निकाल लिए जाएंगे।
बरसों तक रहा महत्वपूर्ण फाइटर
हवा के जमीन पर हमला करने के लिए बरसों तक एयरफोर्स की रीड की हड्डी के समान अपनी सेवा देने वाला स्विंग विंग फाइटर जेट मिग-27 श्रेणी के अंतिम विमान है. इससे पहले इस श्रेणी के मिग-23बीएन, मिग-23एमएफ, और मिग-27 को एयर फोर्स से रिटायर्ड किया जा चुका है। उन्नत कराए गए मिग-27 का अंतिम बेड़ा भी अब रिटायर्ड कर दिया गया। जोधपुर एयरबेस पर तैनात स्क्वाड्रन नंबर 29 'स्कॉर्पियो' के मात्र सात फाइटर जेट फेज आउट हो गए। साथ ही ये स्क्वाड्रन आगामी 31 मार्च तक नंबर प्लेट हो जाएगी। यानी नए फाइटर आने के बाद ही ये स्क्वाड्रन दुबारा ऑपरेशनल होगी।
नए फाइटर आएंगे तब ऑपरेशनल हो जाएगी स्क्वाड्रन
जोधपुर एयरबेस पर स्थित एयरफोर्स की स्क्वाड्रन नंबर 29, स्कॉर्पियों का 65 साल पुराना सफर आज अस्थाई तौर पर थमेगा। जब नए फाइटर आएंगे तब दुबारा ऑपरेशनल हो जाएगी। इस स्क्वाड्रन की स्थापना 10 मार्च 1958 को हलवारा (पंजाब) में की गई थी। उस समय इसमें ऑरेंज तूफानी विमान थे। इसके बाद निरंतर विमान बदलते रहे, इनमें मिग 21 टाइप 77, मिग 21 टाइप 96, मिग 27 एमएल, मिग 27 अपग्रेड थे। मिग 27 को 2006 के बाद अपग्रेड किया गया था