विदिशा जिला अस्पताल में दो सिर और तीन हाथ वाले नवजात शिशु का जन्म

विदिशा जिला अस्पताल में दो सिर और तीन हाथ वाले नवजात शिशु का जन्म


 




विदिशा/ जिला अस्पताल में शनिवार को जन्मे नवजात शिशु के दो सिर और तीन हाथ हैं। नवजात कंधे से जुड़ा हुआ है दोनों सिरों के बीच से तीसरा हाथ निकला हुआ है। डॉक्टर्स की टीम ने सुबह करीब साढ़ 7 बजे ऑपरेशन कर नवजात लड़के को जन्म दिया उसे डॉक्टर्स की निगरानी में एसएनसीयू में रखा गया है। इस नवजात शिशु को जांच के लिए भोपाल भेजा जा रहा है। कुरवाई के माला गांव निवासी 20 वर्षीय बबीता पत्नी जसवंत अहिरवार शुक्रवार रात को अस्पताल में भर्ती हुई। सुबह डॉक्टर्स ने महिला का ऑपरेशन कर नवजात को बाहर निकाला। शिशु को देखकर डॉक्टर्स भी हैरान रह गए। नवजात शिशु का शरीर एक ही है, उसके दो सिर हैं दोनों सिर के बीच से तीसरा हाथ निकला हुआ है। डॉक्टर्स ने बच्चे को तुरंत एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया है। डॉ. सुरेंद्र सोनकर ने बताया कि बच्चे को दोनों मुंह से नली द्वारा आहार दिया जा रहा है।


ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर प्रतिभा ओसवाल ने बताया कि ऐसे दो नवजात शिशु जो एक ही शरीर में जुड़े हुए रहते हैं। ऐसे बच्चों को 'कंज्वाइंट बेबी कहते हैं। उन्होंने बताया कि पेट में बच्चा बनते समय ही लाखों में एक ऐसा केस हो जाता है। डॉ. ओसवाल के अनुसार 31 साल की नौकरी में उन्होंने जिला अस्पताल में पहला ऐसा कंज्वाइंट बेबी देखा है। नवजात की मां अस्पताल में भर्ती है।


बच्चे की दादी नत्थीबाई ने बताया कि उनकी बहू बबीता की यह पहली डिलेवरी है। बीना में शुरू से ही इलाज कराया गया था, जहां डॉक्टर्स ने जुड़वा बच्चे होने की बात बताई थी। उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं पता था कि बच्चे आपस में जुड़े हुए हैं। उनके अनुसार अब भगवान का आशीर्वाद समझकर वह इस बच्चे की परवरिश करेंगी। जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. संजय खरे ने बताया कि बच्चा ऑपरेशन से हुआ है, उसकी सभी प्रकार की जरूरी जांच हो सके इसके लिए भोपाल भेजा रहा है।


दोनों मुंह से रो रहा है बच्चा


जन्म के बाद बच्चा दोनों मुंह से रो भी रहा था। कई बार ऐसा हुआ कि एक मुंह से रोने की आवाज आई तो दूसरा मुंह चुप रहा। वहीं कई बार दोनों मुंह से ही बच्चा रोने लगता है। बच्चे को दोनों मुंह से आहार दिया जा रहा है। एक चेहरे पर होंठ कटा हुआ है। कंधे के पास से निकला तीसरा हाथ भी दो हाथ से जुड़कर बना है इस एक ही हाथ में दो हाथ की अंगुलियां हैं।


मां को दिखाया ही नहीं


बच्चे को जन्म देने वाली बबीता ने अपने इस बच्चे को अब तक देखा ही नहीं। ऑपरेशन के दौरान वह अचेत अवस्था में थी। जब बच्चे का जन्म हुआ तो तुरंंत एनएनसीयू में भेज दिया गया। ऑपरेशन के बाद मां को वार्ड में भर्ती करा दिया। सास नत्थीबाई ने बताया कि बबीता को अभी बताया ही नहीं गया कि बच्चे ने किस तरह जन्म लिया है।