पीताम्बरा दर्शन न्यूज मैगजीन से अनवर खान अन्तर द्वन्द से जूझती कमलनाथ सरकार एक मंत्री मेट्रो, तो दूसरा मंत्री स्वच्छता को लेकर गांधीगिरी में जुटा

अन्तर द्वन्द से जूझती कमलनाथ सरकार एक मंत्री मेट्रो, तो दूसरा मंत्री स्वच्छता को लेकर गांधीगिरी में जुटा




फिलहाल अगले माह म.प्र. की कमलनाथ सरकार के कार्यकाल का 1 वर्ष पूरा करने को है। इस बीच कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के बीच अपने-अपने कत्र्तव्य, उत्तरदायित्वों को लेकर जुनूनी जंग छिडी है वह किसी से छिपी नहीं। हाल ही की बात है कि म.प्र. शासन के खाद्य व शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर नाले की गन्दगी देख फावड़ा ले स्वयं नाले में उतर गये तो वहीं उनके मातहत अधिकारी उन्हें नाला साफ करते देखते रहे। इसके उलट सुबह ही प्रदेश भर में साफ-सफाई का जिम्वा संम्हाले नगरीय प्रशासन विभाग के मंत्री की खबर आई कि वह इन्दौर, देवास में मेट्रो चला रियल स्टेट की नीतियों का बूस्टर डोज देना चाहते है। फिलहाल तो म.प्र. के ग्वालियर-चम्बल में खाद्य मंत्री के स्वच्छता अभियान की खबर जहां सरगर्म है, तो वहीं न्याय से पीडित, वंचित, अभावग्रस्त लोगों का एक वर्ग ऐसा भी है जो कमलनाथ सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों की हनक के चलते शासन के दर पर अग्नि स्नान करने पर तुला है। 
हाल ही की तीन घटनायें प्रशासनिक कार्यालयों के दर पर हताश-निराश होने पर अग्नि स्नान के सामने है। जिस पर म.प्र. सरकार के सारे शिविर सुनवाई, शिकायत न काफी साबित हो रही है। तो वहीं बेजुबान गौवंशों की गौशाला धन के इंतजार में अपने मूर्तरूप लेने के की बांट ज्यो रहे है। अगर दूसरे मायने में देखें तो किसी भी सरकार और शासन के निकम्वेपन का इससे बडा सबूत कि जिस कत्र्तव्य निर्वहन को मोटी-मोटी पगार, लग्झरी वाहन, बंगलों की सुविधा, नौकर-चाकर की सेवा के बावजूद करना चाहिए उसके उलट शासन के मंत्री को अपने ही मातहतों के सामने अकेले नाले में उतर, नाले की सफाई लेट-बाथ के बासपेशनों की सफाई करना पड़े तथा न्याय पाने अपने हक हासिल करने लोगों को अग्नि स्नान करना पडे तो इससे बडी अर्कमण्यता, असफलता शायद ही किसी सरकार, प्रशासन, शासन की दिखे। अब व्यवस्था कैसे चाक-चैबंद हो, यह विचार म.प्र. के मुख्यमंत्री और सरकार बनाने थोकबंद वोट देने वाली जनता जनार्दन को स्वयं करनी चाहिए कि व्यवस्था और सरकारों के कत्र्तव्य निर्वहन का कारवां आखिर आज किस मुकाम तक जा पहुंचा। अगर मंत्रियों की बैवसी इतनी है कि मातहतों से काम कराने के बजाये स्वयं मोर्चा संम्हालना पडे तो इससे बड़ी दुखत बात किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए और कोई नहीं सकती। 



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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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