55 वर्ष से अधिक के एवं मधुमेह के सभी कर्मचारियों को कोरोना ड्यूटी से मुक्त रखें सरकार - हेमंत कुमार जैन 

दतिया / कोविड 19 ड्यूटी , आज हर सरकारी कर्मचारी और सरकारों की प्राथमिकता है , और यह प्राथमिकता इसलिए भी है कि भारतवर्ष की क़रीब एक सौ तीस करोड़ जनसंख्या , सुरक्षित रहे । परंतु यह संक्रमण इतना ख़तरनाक है कि कई कोरोना वारियर्स मौत के मुँह में समा गए हैं । हालाँकि सरकार की तरफ़ से इन योद्धाओं को कई प्रकार क़ी सरकारी सहायता दी जा रही है जिसमें 50 लाख क़ी मुआवज़ा राशि तथा परिवार के सदस्या को नौकरी का भी प्रावधान है । परंतु जो लड़ाई सामान्य जनता को बचाने के लिए लड़ी जा रही है तब सरकारो का भी फ़र्ज़ बनता है कि अपने कर्मचारियों को भी इस बीमारी के भयानक परिणामों से बचाए। 
जैसे जैसे हम इस बीमारी के बारे में जानते जा रहे हैं इससे बचने के उपाय भी अपनाते जा रहे हैं । तब क्यूँ ना सरकारें इस और अपना ध्यान दें -
कि चूँकि सबसे ज़्यादा मौतें 
-अधिक उम्र के व्यक्तियों में 
-और उन व्यक्तियों में हो रही हैं जो मोटापा , मधुमेह , उच्चरक्तचाप, तथा ह्रदय रोग से पीड़ित हैं ।
तो क्यूँ ना हम अपने उन कर्मचारियों क़ी स्क्रीनिंग करें जो इन बीमारियों से ग्रसित हैं और उन्हें कोरोना ड्यूटी से हटा दें और उन्हें ऐसा कोई कार्य करने को दें जहां उन्हें सामान्य जनता से सीधा सामना ना करना पड़े ।
सबसे ज़्यादा रिस्क में हमारे ऐसे कर्मचारी हैं जो 
- सफ़ाई एवं ड़िसइंफ़ेक्सन के कार्य में  लगे हैं ।
- पुलिसकर्मी 
- इमर्जेंसी एमबुलेंस चालक
- नर्सिंग स्टाफ़ 
- एवं चिकित्सक 
अगर हम ऐसे कर्मचारियों को अलग कर देंगे तब इनक़ी जान बच सकती है और सम्भावित लाभ यह होगा कि हम अपनी जनता को बचाने के साथ २ अपने कर्मचारियों को भी बचा पाएँगे ।


प्रकाशनार्थ - 
ड़ा. हेमंत कुमार जैन 
सचिव , आइ एम ए दतिया