वुमंस डे पर छिंदवाड़ा से बैतूल तक पिंक पैसेंजर चली, पायलट से गार्ड तक सभी महिलाएं

बैतूल / अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे ने महिलाओं को ही एक ट्रेन का जिम्मा दिया। रेलवे की महिला कर्मचारियों ने छिंदवाड़ा से बैतूल तक फास्ट पैसेंजर का संचालन किया। ट्रेन में ड्राइवर से लेकर गार्ड तक सभी महिलाएं ही रहीं। बैतूल स्टेशन पर भी महिला कर्मचारियों ने ट्रेन का स्वागत किया। 59396 छिंदवाडा-बैतूल फास्ट पैसेंजर आमला स्टेशन पहुंची। ट्रेन के इंजन में लोको पायलट संगीता पहाड़े एवं सहायक पायलट विजयाश्री चौकीकर ने कमान संभाली। ट्रेन की गार्ड बोगी में सवार होने के लिए गार्ड अनीता झा, तो यात्रियों की टिकट चेक करने के लिए टीसी मीना देशमुख तैयार थीं। ट्रेन में सुरक्षा की जिम्मेदारी जीआरपी की आरक्षक दीपमाला रघुवंशी और आरपीएफ की पूर्णिमा पटवारी संभाल रही थीं। स्टेशन मास्टर प्राची आनंद ट्रेन के संचालन की मॉनिटरिंग करती नजर आ रही थीं।


महिला यात्री बोलीं
यात्री शबाना खान का कहना था कि महिलाओं की पूरी टीम देखकर अच्छा लगा। इससे महिलाओं की समाज में बराबरी की स्थिति सामने आई। उमा देशमुख के अनुसार, यह नजारा महिला यात्रियों को उनके सुरक्षित यात्रा के संकेत और महिलाओं की लगातार ऊंची उठती स्थिति को बता रहा है। रवीना जैन के अनुसार, ऐसे प्रयोग स्थाई रूप से समाज के अन्य क्षेत्रों भी किए जाने चाहिए।


रेलवे ने बढ़ाया हमारा मनोबल
लोको पायलट संगीता पहाड़े ने बताया महिला दिवस पर महिलाओं ने ट्रेन का सफल संचालन किया। यह अपने आप में एक बेहतर अनुभूति थी। यह पर्याय था पुरुषों के बगल में महिलाओं के भी खड़े रहने का, न तो आगे, ना पीछे, बराबरी की साझेदारी। सभी महिला कर्मचारियों के लिए यह एक सुखद अनुभव था। टीसी मीना देशमुख का कहना है कि रेलवे ने ऐसा अवसर देकर हम महिलाओं का मनोबल बढ़ाया है। ऐसा करने के बाद केवल हम संचालक महिलाओं का नहीं, बल्कि पूरे महिला समाज गौरव बढ़ा है।