ग्वालियर। किसी भी मामले में मध्यस्थता होना जरूरी है। ऐसा करके कई मामले निपटाए जा सकते हैं। किसी व्यक्ति को गरीबी या अक्षमता के कारण विधिक सहायता से महरूम नहीं रखा जा सकता है। यह कहना था अपर जिला न्यायाधीश रितुराज सिंह चौहान का। वे शनिवार को माधव विधि महाविद्यालय के ग्राम कोठी में हुए विधिक सहायता शिविर में संबोधित कर रहे थे। इसके पहले स्वयंसेवकों ने 15 दिन पूर्व ग्राम का सर्वे कर वहां की समस्याओं को जाना था। इनके निराकरण के लिए ही यह शिविर लगाया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में न्यायिक मजिस्ट्रेट विनय गुप्ता, एसडीएम अनिल बनवारिया, अपर जिला न्यायाधीश सचिन शर्मा उपस्थित थे। अध्यक्षता बृजमोहन श्रीवास्तव ने की। इस अवसर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अस्टिेंट मैनेजर दिनेश सिंह भी मौजूद थे। एसडीएम बनवारिया ने कहा कि विधि की अज्ञानता माफी योग्य नहीं होती है। अपर जिला न्यायाधीश सचिन शर्मा ने कहा कि हर एक व्यक्ति को शिक्षित होने के साथ जागरूक होने की जरूरत है।ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती है। इसका मुख्य कारण महिलाओं का अशिक्षित होना है। इसलिए महिलाओं को शिक्षित होने की जरूरत है। शिविर में अध्यक्ष प्रवीण नेवास्कर ने भी ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक देवदत्त मिश्रा, सहायक प्राध्यपाक राजेंद्र धाकड़, भारतेंदु चौधरी, आकश राजपूत, अंकित गोस्वामी, पवन कुशवाह, स्वाति राठौर, नेहा माहौर, सृष्टि दुबे आदि उपस्थित थे।
शिक्षित होने के साथ जागरूक होना भी जरूरी