शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार, कोरबा की शिक्षिका सीमा पटेल को मिला नेशनल टीचर इनोवेशन अवार्ड

कोरबा। शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार अर्थात कबाड़ से जुगाड़ के मामले में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की शिक्षिका सीमा पटेल ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान, नई दिल्ली में आयोजित समारोह मेें सीमा पटेल को टीचर इनोवेशन अवार्ड (टीआइए) से नवाजा गया। यह सम्मान केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तथा केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर द्वारा प्रदान किया गया। पूरे राज्य से एकमात्र सीमा का चयन उक्त पुरस्कार के लिए हुआ। अरविंदो सोसाइटी द्वारा मानव संसाधन विकास विभाग के सहयोग से यह कार्यक्रम पूरे देश में चलाया जा रहा है। शिक्षा में शून्य निवेश नवाचार के तहत शैक्षिक संस्थानों में किए जा रहे कार्यों का विवरण, वीडियो, छायाचित्र ऑनलाइन भेजे जाते हैं। टीचर इनोवेशन अवार्ड के लिए पूरे देश से 20 लाख आइडियाज आए थे। इसमें शासकीय सहित निजी विद्यालयों के शिक्षकों सहित महाविद्यालयों के प्राध्यापकों की भी प्रविष्टियां शामिल थीं। कई बार परीक्षण के पश्चात 20 लाख में 63 का चयन हुआ। सीमा पटेल कोरबा जिला के एजुेकशन हब परिसर में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ हैं। यहां विद्यालय के साथ हॉस्टल भी संचालित है।


 

इसलिए मिला यह अवार्ड


सीमा ने कबाड़ से जुगाड़ के कई तरीके निकाले हैं। वे विद्यालय व हॉस्टल से निकलने वाले हर कचरे का बखूबी इस्तेमाल करती हैं। कचरे को छह भागों में विभाजित किया गया है। इसके लिए छात्रों की टीम भी तैयार की गई है। विद्यालय प्राइमरी और मीडिल स्तर का है लिहाजा कागज के रूप में बड़ी मात्रा में कचरा एकत्र होता है।


कागज के टुकड़े इत्यादि को फेंकने के बजाय एक स्थान पर एकत्र किया जाता है। फिर एक सप्ताह मेें एकत्र हुए कागज के टुकड़ों को मिट्टी के साथ मिलाकर इसकी मूर्तियां, खिलौने इत्यादि बनाए जाते हैं। छात्र पेंसिल का इस्तेमाल करते हैं। पेंसिल के छिलकों को भी फेंका नहीं जाता है। इन छिलकों को चिपका कर डिजाइन तैयारी की जाती है।


 

बिस्किट, चॉकलेट, चिप्स आदि पैकेजिंग के प्लास्टिक को कटिंग कर इसे गुंथा जाता है और फिर इससे मेट, गुड़िया आदि आर्कषक क्राफ्ट बनाए जाते हैं। पुराने कपड़ों को भी कटिंग कर इससे मेट आदि तैयार किया जाता हैै। बोतल, कांच की चुड़ियां आदि का उपयोग भी क्राफ्ट आदि में होता है। हॉस्टल के किचन से निकलने वाले गीले कचरे का उपयोग खाद तैयार करने में किया जा रहा है।


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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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