प्रोफेशनल टैक्स: 20-50 हजार मासिक आय तक 150 और 50 हजार से ज्यादा कमाने वालों को 200 रु. महीना देना होगा

नई दिल्ली /  दिल्ली में साउथ एमसीडी पहला ऐसा निकाय है जो प्रोफेशनल टैक्स लगा रहा है। हालांकि तीनों एमसीडी (नॉर्थ, साउथ और ईस्ट) सालों से बजट में यह टैक्स लगाने का प्रस्ताव देती आ रही थीं, लेकिन हमेशा इसे रिजेक्ट कर दिया जाता था। मगर अब इसे पास किया जा रहा है। अधिकारी से लेकर नेता तक प्रोफेशनल टैक्स को लगाना मजबूरी बता रहे हैं।  स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि एमसीडी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुकी है। दिल्ली सरकार ने हमारा बकाया भी नहीं दिया और पिछले वर्षों में बेतहाशा फंड में कटौती की है। इसका सीधा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। खराब आर्थिक स्थिति के बीच आय बढ़ाने के लिए कड़े फैसले लेने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। स्टैंडिंग कमेटी में पेश किए गए प्रोफेशनल टैक्स के प्रस्ताव के मुताबिक मासिक 20 हजार रुपए तक कमाने वालों से प्रोफेशनल टैक्स नहीं लिया जाएगा। 20-50 हजार रुपए मासिक कमाने वालों से 150 और 50 हजार से ज्यादा कमाने वालों से 200 रुपए मासिक प्रोफेशनल टैक्स लिया जाएगा। 


टैक्स वसूलने का काम प्रॉपर्टी टैक्स विभाग करेगा


साउथ एमसीडी में एडिश्नल कमिश्नर रणधीर सहाय ने कहा कि आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए आय के अलग-अलग स्रोत ढूंढ़े जा रहे हैं। उसी के तहत प्रोफेशनल टैक्स लगाया गया है। एमसीडी इलाके में नौकरी और व्यापार करने वालों से यह वसूला जाएगा। प्राइवेट, सरकारी संस्थानों से जानकारी लेकर टैक्स देने के लिए लोगों से कम्युनिकेशन किया जाएगा। कम्युनिकेशन से लेकर टैक्स वसूलने तक का काम प्रॉपर्टी टैक्स विभाग करेगा।


निगम पार्षद की बार-बार जवाबदेही की बात पर कमिश्नर हुए नाराज, बोले-नियम से होंगे सारे काम


शुक्रवार को साउथ एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में एक निगम पार्षद के बार-बार जवाबदेही फिक्स करने की बात पर कमिश्नर नाराज दिखाई दिए और उन्होंने खुद से इसका जवाब दिया। कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने कहा कि नियम से सभी काम होंगे। सबकुछ कमेटी के सामने आएगा। उसके बाद कमेटी खुद से तय करे कि क्या करना है। स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में टेंडर प्रक्रिया के मुद्दे पर बात हो रही थी। संबंधित अधिकारी ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में चार महीने का वक्त लगेगा। इस पर स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य और निगम पार्षद राजपाल राणा ने कहा कि यदि चार महीने में टेंडर नहीं होता तो किसी जवाबदेही होगी। ऐसा उन्होंने दो-तीन बार बोला। अन्य निगम पार्षदों ने भी यह बात बोली। इस बात से कमिश्नर थोड़े नाराज हो गए। उन्होंने सदस्यों को जवाब देते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया टाइम बाउंड होगी। सभी अधिकारी जरूरी प्रोसेस अपनाते हुए काम करेंगे। हमारी कोशिश रहती है कि समय पर काम हो जाए।


जेब पर बोझ: इलेक्ट्रिसिटी टैक्स बढ़कर 6 फीसदी हुआ, और बढ़ेगा बिजली बिल


साउथ एमसीडी के इलाके में रहने वाले लोगों की जेब पर बोझ बढ़ने वाला है। बिजली बिल में बढ़ोतरी के लिए इलेक्ट्रिसिटी टैक्स में बढ़ोतरी का फैसला किया है। इस संबंध में स्टैंडिंग कमेटी ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इलेक्ट्रिसिटी टैक्स 5 से 6 फीसदी करने का फैसला हुआ है। शुक्रवार को हुई स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में इलेक्ट्रिसिटी टैक्स में 1 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया, जिसे पास कर दिया गया। अब यह प्रस्ताव एमसीडी के सदन में जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान में 5 फीसदी टैक्स लिया जाता है, जिसे बढ़ाकर 6 फीसदी करने का फैसला हुआ है। एमसीडी बिजली कंपनियों के जरिए यह टैक्स वसूलती है। वर्तमान में यदि किसी का बिजली बिल एक हजार रुपए आता है तो उसमें से 50 रुपए इलेक्ट्रिसिटी टैक्स के तौर पर एमसीडी का होता है। अब 50 रुपए की जगह 60 रुपए टैक्स हो जाएगा। यानी एक हजार रुपए के बिल पर 10 रुपए का अतिरिक्त बोझ लोगों पर पड़ेगा।  


प्लान तैयार: डेयरियों को सीलिंग से बचाने के लिए अब आसान होगा लाइसेंस लेना
डेयरियों को सीलिंग की कार्रवाई से बचाने के लिए साउथ एमसीडी ने प्लान तैयार किया है। प्लान के मुताबिक लाइसेंस लेने की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। इस संबंध में स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। स्टैंडिंग कमेटी की मीटिंग में पेश किए गए प्रस्ताव में कहा गया कि पशु चिकित्सा विभाग की ओर से डेयरियों को सील करने के नोटिस भेजे जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों का गुजारा डेयरियों से ही चलता है। ऐसे में डेयरियों को नियमित किया जाना चाहिए। लाइसेंस के लिए नियमों को सरल किया जाए। इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।