मासूम की आंखें खुली, होठ मुस्कराए, यह क्षण जीवनभर याद रहेगा-पुलिस कमिश्नर

राजकोट / ठेबचड़ा गांव की मासूम ने मौत को मात दे दी है। अभी भी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। पुलिस कमिश्नर ने उसे नाम दिया है अंबा। रविवार को पुलिस कमिश्नर मनोज अग्रवाल मासूम को देखने अस्पताल पहुंचे। मासूम ने अपनी आंखें खोली, हल्की-सी मुस्कान उनके चेहरे पर दिखाई दी। इस पर पुलिस कमिश्नर ने भावविभारे होकर कहा कि यह मेरे जीवन का सबसे आनंददायक क्षण था, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।


कई लोग दत्तक लेने के इच्छुक
बाद में पुलिस कमिश्नर ने बताया कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि बच्ची के माता-पिता कौन हैं। इसके बाद भी यदि उसकी मां सामने आती है, तो हम सब उसके साथ हैं। बहरहाल मासूम अंबा की देखभाल प्रशासन कर रहा है। कई लोगों ने बच्ची को गोद लेने की इच्छा जाहिर की है। नागपुर से एक दम्पति तो यहां पहुंच भी चुके हैँ। इस बारे में सारे निर्णय चाइल्ड वेलफेयर कमेटी करेगी। जब वह ठीक हो जाएगी, तो उसे काठियावाड़ के बालाश्रम में भेज दिया जाएगा। उसके 60 दिनों बाद उसे दत्तक देने की कार्यवाही की जाएगी।



साइन बोर्ड पर लिखा-अंबा, पूरा विश्व तुम्हारे लिए प्रार्थना कर रहा है
उल्लेखनीय है कि पुलिस कमिश्नर ने बच्ची को दत्तक देने की घोषणा की थी। अस्पताल के बाहर पुलिस कमिश्नर ने साइन बाेर्ड पर लिखा- प्यारी अंबा, पूरा विश्व तुम्हारे लिए प्रार्थना कर रहा है। तुमने आज मुझे जो अपनी मुस्कराहट दी, उससे उससे मैं सौभाग्यशाली हो गया। इसके लिए मैं ईश्वर का आभारी हूं। उन्होंने अंबा के लिए गिफ्ट भी दिया।



दत्तक देने की कार्रवाई वेबसाइट से
बच्ची के स्वस्थ हो जाने के बाद उसे काठियावाड़ के बालाश्रम में भेज दिया जाएगा। उसके दो महीने बाद उसे दत्तक देने की कार्यवाही की जाएगी। ये कार्यवाही वेबसाइट के माध्यम से की जाएगी।