जिला पंचायत में पांच की बजाय बनेगी छह स्थाई समिति

कोरबा । जिला पंचायत में प्रथम सम्मेलन के पहले इस बार पांच की बजाय छह समिति बनाने की तैयारी चल रही है। आमतौर पर सामान्य प्रशासन, कृषि, शिक्षा, संचार संकर्मण और सहकारिता उद्योग समिति का गठन किया जाता है। नवनिर्वाचित सदस्य वन समित अतिरिक्त गठित करने की तैयारी कर रहे हैं। पंचायत संचालनालय ने स्थानीय प्रशासन को 12 मार्च को चुनाव कराने के लिए व्यवस्था दिए जाने का निर्देश दिया है। समिति में अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए भाजपा और कांगे्रस के बीच प्रतिद्वंद्विता देखी जा रही है। जिला पंचायत में आने वाले दिनों में होने वाली स्थाई समिति चुनाव में भाजपा और कांग्रेस की नजर टिक गई है। उपाध्यक्ष पद के लिए विजेता रही रीना अयज जायसवाल का जिला शिक्षा स्थाई समिति का अध्यक्ष बनना लगभग तय है। सामान्य प्रशासन की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष ही करते हैं, इस आशय से संचार संकर्मण, कृषि और सहकारिता स्थाई समिति के चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच गहमा गहमी रहेगी। जिला पंचायत में निर्वाचित सदस्यों पर गौर किया जाए तो 12 सदस्यों में छह कांग्रेस समर्थित हैं जबकि तीन भाजपा, दो निर्दलीय और एक गोंडवाना समर्थित हैं। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए गोंडवाना ने कांग्रेस को समर्थन दिया था। इस आशय से एक समिति का पद्भार गोंडवाना के खाते में जाने की पूर्ण गुंजाइश है। माना जा रहा है कि दो निर्दलीय प्रत्याशियों में से किसी एक को स्थाई समिति का पदभार देकर मना लिया जाएगा। इस आशय से देखा जाए तो चुनाव की स्थिति निर्मित होने की कम ही गुंजाइश है। जिला पंचायत समान्य सभा में वन विभाग के एजेंडे पर चर्चा के लिए समय कम रह जाता है। इस आशय से जिले दो वनमंडल होने से वन समिति गठन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जिला पंचायत सदस्य शिवकला की मानें तो समिति गठन पर चर्चा चल रही है। सभी सदस्यों की सहमति हुई तो वन समितियों से जुड़े सदस्यों और वनवासियों के हित में बेहतर काम होगा।



जनपदों में भी चल रही जोड़-तोड़


समिति गठन को लेकर जिला पंचायत के अलावा जनपदों के सदस्यों में भी जोड़-तोड़ चल रही है। पांच ब्लॉक के जनपदों को 114 जनपद क्षेत्र में बांटा गया है। जिले भर में सदस्यों की संख्या पर गौर किया जाए तो कांग्रेस का पलड़ा भारी है। निर्दलीय सदस्यों के अलावा भाजपा समर्थितों को भी पक्ष में लेकर दावेदारी बेहतर करने का कांग्रेसी प्रयास जारी है।


महिला एवं बाल विकास शामिल नहीं



जिला पंचायत सदस्यों की ओर से भले ही वन सिमिति गठित किए जाने पर सहमति बनाई जा रही है, लेकिन सामाज कल्याण विभाग की ओर जारी निर्देश में समिति का उल्लेख नहीं होने के कारण गठन में संशय की स्थिति देखी जा रही है। बीते पंचवर्षीय में महिला एवं बाल विकास समिति का गठन किया गया था, वह भी शामिल नहीं है।