गोरखनाथ मंदिर में 24 साल पुरानी परंपरा टूटी, भगवान नरसिंह की शोभायात्रा में शामिल नहीं हुए पीठाधीश्वर योगी

गोरखपुर / मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गृहजनपद गोरखपुर में हैं। वह साल 1996 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से निकाली जाने वाली भगवान नरसिंह की शोभायात्रा में शामिल होते आए हैं। लेकिन, कोरोनावायरस की वजह से इस साल इस यात्रा का हिस्सा नहीं बने। 24 साल में ये पहला अवसर है जब योगी आदित्यनाथ नरसिंह शोभायात्रा का हिस्सा नहीं हैं। दो दशक पुरानी ये परंपरा पहली बार टूटी है। कोरोनावायरस को लेकर योगी ने इस बार होली मिलन के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का ऐलान किया है। मंगलवार सुबह भगवान नरसिंह की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के मीडिया प्रभारी मनोज जालान ने बताया कि मंगलवार सुबह शोभायात्रा निकलने से पहले संघ की शाखा लगी। प्रार्थना के बाद शोभायात्र का शुभारंभ सुबह 8:30 बजे घंटाघर से किया गया। रंग-गुलाल खेलते हुए यह शोभायात्र मदरसा चौक, लालडिग्गी, मिर्जापुर, घासी कटरा, नखास चौक, रेती चौक होते हुए घंटाघर लौटकर समाप्त होगी।


सीएम ने अबीर भभूत का लगाया टीका


योगी ने होली पर सुबह सात बजे महायोगी गुरु गोरखनाथ की विशेष पूजा-अर्चना की। उन्होंने अबीर, भभूत के साथ पूजा कर खुद को भभूत और अबीर का टीका लगाया। इसके बाद वहां मौजूद गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, सतुआ बाबा आश्रम वाराणसी से संतोषदास उर्फ सतुआ बाबा, गोरखपुर कालीबाड़ी के महंत रवींद्र दासजी ने योगी आदित्यनाथ जी को अबीर का टीका लगाया। योगी ने भी उन सभी संतगणों को टीका लगाकर होली की शुभकामनाएं दी।


फाग के बीच मंदिर में होगा होली मिलन
गोरखनाथ मंदिर में शाम चार बजे से होली मिलन समारोह का आयोजन किया जाएगा। समारोह में मुख्यमंत्री भी मौजूद रहेंगे, लेकिन कोरोनावायरस के संक्रमण के चलते समारोह में आने वाले लोग उन्हें तिलक नहीं लगा सकेंगे। समारोह को होली गीतों से संगीतमय बनाने की जिम्मेदारी राकेश श्रीवास्तव निभाएंगे।