दिग्विजय के हॉर्स ट्रेडिंग वाले बयान से सिंधिया के भाजपा में शामिल होने तक, जानें 9 दिन का पूरा घटनाक्रम

भोपाल / मध्यप्रदेश में पिछले 9 दिन से चल रही सियासी उठापटक के बीच बुधवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ले ली है। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे से पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकत की थी। उनके साथ ही पार्टी के 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दिया था। प्रदेश में यह ऊथल-पुथल राज्यसभा चुनाव से पहले हुई है। 13 मार्च को राज्यसभा चुनाव के नमांकन की आखिरी तारीख है। वहीं, अगर इस्तीफा देने वाले 22 विधायक दोबारा नहीं लौटते हैं, तो प्रदेश की कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कांग्रेस ने अपने विधायकों को जयपुर भेज दिया है, वहीं भाजपा भी अपने विधायकों को गुड़गांव भेज दिया है। सिंधिया गुट के विधायक बेंगलुरु में हैं। जानिए मध्यप्रदेश में पिछले 9 दिन से चल रहे इस सियासी घटनाक्रम का पूरा हाल...


3 मार्च 2020 - दिग्विजय सिंह का भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप    
इस सियासी घटनाक्रम की शुरूआत तब हुई, जब दिग्विजय सिंह ने 3 मार्च 2020 सोमवार को भाजपा पर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा, शिवराज सिंह चौहान और नरोत्तम मिश्रा कांग्रेस के विधायकों को 25 से 35 करोड़ तक का ऑफर देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि वो बिना तथ्यों के आरोप नहीं लगाते। शिवराज और नरोत्तम में सहमति बन गई है। एक मुख्यमंत्री और दूसरा डिप्टी सीएम बनने का सपना देख रहे। उनके बयान पर शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा था कि झूठ बोलना दिग्विजय की पुरानी आदत है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के बयान पर सहमति जताते हुए कहा था, कि भाजपा डरी हुई है, क्योंकि 15 साल के शासनकाल के घोटालों का खुलासा होने वाला है। 


4 मार्च 2020- भाजपा पर माफियाओं के साथ सरकार को अस्थिर करने का आरोप
4 मार्च को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने भाजपा पर माफियाओं के साथ मिलकर राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का असफल प्रयास करने आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि सरकार पिछले कई समय से संगठित भू-माफिया, संगठित अपराध माफिया, नकली दवाओं के व्यापार और अन्य तरह के माफियाओं के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। सभी माफिया 15 साल के भाजपा सरकार के कार्यकाल में पनपे हैं। भाजपा का लोकतंत्र में विश्वास नहीं रहा। उनका विश्वास साजिश, षड्यंत्र और धनबल में है। भाजपा को हर बार मुंह की खानी पड़ी । इस बार भी भाजपा के मंसूबे 'मुंगेरीलाल के सपने' की तरह साबित होंगे।
 


5 मार्च 2020- ‘ऑपरेशन लोटस’ विधायक के गनमैन की गलती से फेल हुआ
मंगलवार रात तक 11 विधायक गुड़गांव के आईटीसी मराठा होटल पहुंचे। हालांकि, बुधवार रात तक 6 विधायक भोपाल वापस लौट आए, फिर भी 5 विधायकों की लोकेशन पता नहीं चल पाई। वहीं, एक विधायक के गनमैन की गलती से भाजपा का पूरा ऑपरेशन फेल हो गया। गनमैन से दिल्ली में कांग्रेस विधायकों के एकत्रित होने की खबर लीक हो गई। इस दौरान कांग्रेस को ऑपरेशन लोटस फेल करने का वक्त मिल गया। इन सभी विधायक की मुलाकात बुधवार को भाजपा के बड़े नेताओं से होनी थी। इस पूरे पॉलिटिकल ड्रामे में दो संभावनाओं का अनुमान लगाया गया था कि ये 11 विधायक सत्ता से बाहर होते हैं, तो राज्यसभा चुनाव से पहले सरकार गिर जाएगी। दिल्ली में दो जगह और बेंगलुरु में एक जगह विधायकों को रुकना था। कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र को मप्र के विधायकों को संभालने का जिम्मा सौंपा गया था। बेंगलुरु के प्रेस्टीज पालम मेडोज में तीन कांग्रेसी और एक निर्दलीय विधायक को रखा गया। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से फोन पर बात की और गुरूवार को लौटने के बात कही थी। 


6 मार्च 2020-कमलनाथ ने कैबिनेट की बैठक ली, सभी विधायकों को भोपाल बुलाया
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। वे कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे के बाद पार्टी की रणनीति पर चर्चा के लिए आए थे। इसके तहत कमलनाथ ने सभी विधायकों को भोपाल बुलाया और उन्हें राजधानी न छोड़ने की हिदायत भी दी। सीएम के अवास पर ही कैबिनेट की मीटिंग भी बुलाई गई थी। इसमें बसपा विधायक रामबाई भी मौजूद थीं। बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा की गई। उधर,  दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर मध्य प्रदेश को लेकर भाजपा नेताओं की बैठक की। इसमें शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, प्रह्लाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान और गोपाल भार्गव मौजूद रहे। बीजेपी के नेता विश्वास सांरग ने कांग्रेस पर उनकी हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया।
 


7 मार्च 2020- मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया के बयान पर सिंधिया को लेकर सुगबुगाहट तेज
जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार बजट सत्र के बाद होने की बात कही। लेकिन कांग्रेस के बागी और निर्दलीय विधायक मंत्रिमंडल का विस्तार होली के बाद और बजट सत्र से पहले चाहते थे। विधायकों का कहना था कि उनसे मीटिंग में बात कुछ और की जाती रही और मंत्री बाहर अलग तरह की बातें करते रहे। इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक तरह से खामोशी अख्तियार कर रखी थी। सिंधिया गुट के प्रदेश सरकार में शामिल मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा था कि अगर हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपेक्षा या अनादर होता तो सरकार पर जरूर संकट आ सकता है। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पार्टी से नाराजगी और राजनीतिक सुगबुगाहट फिर तेज हो गई थी।


8 मार्च 2020- भोपाल लौटे मंत्री बिसाहू बोले- तीरथ गया था; रामबाई ने फिर छोड़ा भोपाल


बेंगलुरू में ठहरे तीन कांग्रेसी विधायकों में से एक बिसाहूलाल सिंह रविवार को भोपाल लौटे थे। यहां आते ही उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की और इसके बाद कहा था कि वह तो तीरथ करने गए थे। उन्हें किसी ने बंधक नहीं बनाया था। वो कांग्रेस में ही रहेंगे। जब मीडिया ने उनसे पूछा कि बेंगलुरू में आपके साथ विधायक हरदीप सिंह डंग और रघुराज कंसाना भी थे? तो बिसाहू चुप्पी साध गए थे। हालांकि गृह मंत्री बाला बच्चन ने दावा किया था वह दोनों से संपर्क में हैं।  वे जल्द भोपाल पहुंचेंगे। बिसाहू को बेंगलुरू से लाए मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल से जब मीडिया ने पूछा था कि बिसाहू बेंगलुरू में कहां मिले। उन्होंने कहा- वहीं मिले। बसपा विधायक रामबाई भी दिल्ली चली गईं। उन्होंने इसकी वजह बेटी की तबीयत खराब होना बताया। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ भी दिल्ली पहुंचे।


9 मार्च 2020: दिल्ली में सोनिया गांधी से मिले कमलनाथ, उधर सिंधिया खेमे के विधायक गायब
प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद कमलनाथ ने कहा था कि उनका मार्गदर्शन मिला , उसका पालन करूंगा। जब कांग्रेस अध्यक्ष से मिलते तो कई मुद्दों पर चर्चा होती है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में कोई अंदरुनी कलह नहीं । सभी विधायक लौट आए थे और उन्होंने बताया कि वह तीर्थयात्रा पर गए थे। वहीं दोपहर को खबर आई कि सिंधिया खेमे के विधायक और कुछ मंत्री भी भूमिगत हो गए, जिनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। मंत्रियों में श्रममंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया और तुलसी सिलावट शामिल थे।
 


10 मार्च 2020: सिंधिया ने दिया ने इस्तीफा, 19 विधायकों ने छोड़ी पार्टी
कांग्रेस सरकार में सिंधिया खेमे की नाराजगी और सियासी उठापठक उस समय उजागर हो गई, जब ज्योतिरादित्य ने होली के दिन इस्तीफे की पेशकश करते हुए पार्टी छोड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी। दोपहर 12.10 बजे सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे की चिट्‌ठी ट्वीट कर दी। चिट्‌ठी 9 तारीख को लिखी थी। 20 मिनट बाद कांग्रेस ने सिंधिया को पार्टी से बर्खास्त कर दिया। 5 मिनट बाद ही दोपहर 12.35 बजे सिंधिया समर्थक 19 विधायकों ने हाथ से लिखा इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया। इससे पहले सिंधिया अमित शाह से मिलने दिल्ली के गुजरात भवन पहुंचे थे। सुबह 11 बजे वह प्रधानमंत्री से मिले थे। उनके इस्तीफे के बाद सोनिया गांधी ने दिल्ली में अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई। भोपाल में मुख्यमंत्री आवास पर  बाला बच्चन, हुकुम सिंह कराड़ा, सज्जन सिंह वर्मा समेत कई मंत्री सीएम से मिलने पहुंचे। 12 बजे भोपाल में भाजपा मुख्यालय में बैठक हुई। इसमें शिवराज सिंह चौहान, पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा और विनय सहस्त्रबुद्धे शामिल हुए। 6 बजे भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए। दिन की सातवीं बैठक शाम 6 बजे भोपाल में कमलनाथ के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में 94 विधायकों ने हिस्सा लिया। इनमें 90 कांग्रेस के और 4 निर्दलीय विधायक थे।


11 मार्च 2020: ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में हुए शामिल, जेपी नड्‌डा ने दिलाई सदस्यता


 ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी जॉइन कराने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा मौजूद रहे। पार्टी जॉइन कराने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा मौजूद रहे। मंगलवार को सिंधिया के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद उनको समर्थन दे रहे 22 विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी थी। सिंधिया के इस्तीफे के 24 घंटे बाद राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि जब आप (मोदी सरकार) कांग्रेस की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने में व्यस्त हैं, तब यह देखने में चूक गए कि दुनिया में तेल की कीमतों में 35% की गिरावट आई है। क्या आप पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपए प्रति लीटर कर देश के लोगों को राहत दे सकते हैं? इससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।’ सदस्यता के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारा लक्ष्य इस भारत मां में जनसेवा होना चाहिए, और राजनीति केवल उस लक्ष्य को पूरा करने का माध्यम होना चाहिए और कुछ नहीं। उन्होंने अपने पिता माधवराव सिंधिया को याद किया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय कांग्रेस पार्टी जो पहले थी वो आज नहीं रही। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया का पार्टी में स्वागत किया और कमलनाथ सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए निशाना साधा।