दंगा पीड़ितों के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने खोले अपने दरवाजे, 15000 लोगों के लिए लगाया लंगर

नई दिल्ली / नागरिक सुरक्षा कानून के विरोध में दिल्ली में भड़की हिंसा के पीड़ितों के लिए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने कई गुरुद्वारों के दरवाजे खोल दिए हैं। कई जगहों पर दंगा पीड़ितों के लिए राहत कैंप लगाया है। गुरुवार को दिल्ली कमेटी ने 15000 लोगों के लिए लंगर भेजा, जिसमें सुबह 5 हजार और शाम को 10 हजार लाेगों के लिए लंगर भेजा गया। दिल्ली कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि यह सेवा आने वाले दिनों में भी जारी रहेगी। साथ ही कमेटी के गुरुद्वारों में कैंप भी लगाए जा रहे हैं। सिरसा ने कहा कि क्षेत्रीय एसडीएम शाहदरा, एसडीएम विवेक विहार, एसडीएम मौजपुर के माध्यम से सिविल डिफेंस के वालिंटियरों के द्वारा मुस्तफाबाद, ज़ाफराबाद, करावल नगर, मौजपुर, चांदबाग, यमुना विहार, घोंडा, ब्रह्मपुरी, नूर इल्लाही, राजपूत मोहल्ला, श्री राम कालोनी आदि जगहों पर जहां लोगांे को खाने की जरूरत थी, उन्हें लंगर के अलावा दूध, ब्रैड और दवाईयां भी उपलब्ध करवाई गई।


किसी भी गुरुद्वारा में जा सकते हैं पीड़ित : सिरसा


सिरसा ने बताया कि कमेटी ने दिल्ली के उन इलाकों में जहां हिंसा हुई व लोग बेघर हो गए सड़कों पर आ गए उन जरूरतमंदों को लंगर व मैडिकल सेवाएं देने के लिए कमेटी आगे आई है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक साहिब का संदेश जो पूरी मानवता के लिए है। उसी पर चलते हुए दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी ने पीड़ितों को राहत प्रदान करने का फैसला लिया है और बिना किसी का धर्म पूछे सभी को लंगर दिया जा रहा है। सिरसा ने कहा कि हमने 1984 में इस तरह के दर्द को झेला है। इसलिए पीड़ितों के दर्द को अच्छी तरह समझ सकते हैं। सिरसा ने बताया कि गुुरुद्वारा मजनू का टीला में दंगा पीडि़तों के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। इसके अतिरिक्त दंगा पीड़ित जहां चाहे किसी भी गुरुद्वारा में जा सकते हैं। चाहे वह हिंदू, मुस्लिम या पुलिसकर्मी हो।