चंद्रशेखर आजाद जहां डेढ़ साल रहे, अपने हाथाें से मंदिर, काेठरी बनाई; ‘नमस्ते ओरछा’ में उस सातार पार्क को भूल गई सरकार

सागर / पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अगले महीने ‘नमस्ते ओरछा’ का आयोजन कर रही है। लेकिन स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार के नुमाइंदे ऐतिहासिक स्थान “सातार पार्क’ की सुध लेना भूल गए हैं। यहां शहीद चंद्रशेखर आजाद ने वर्ष 1924-25 में डेढ़ साल का अज्ञातवास काटा था। जानकाराें का कहना है कि नमस्ते ओरछा में इस जगह काे भी शामिल करना  चाहिए। कम से कम इस बहाने शहीद के हाथ से बनाई गई कोठरी व उनका पत्थर-मिट्‌टी से बना तकिया-पलंग भी सुरक्षित हो जाता। देशप्रेमियों के लिए यह स्थान किसी तीर्थ से कम नहीं है।


केवल पेवर ब्लॉक लगवा दिए, कोठरी को नहीं किया संरक्षित  
चंद्रशेखर आजाद ने ओरछा से 5 किमी दूर इस स्थान पर अकेले ही एक कुआं खोदा था। हनुमानजी का छोटा सा मंदिर और रहने के लिए एक कोठरी बनाई थी। कुछ दूरी पर एक सुरंग भी बनाई थी जो एक किमी आगे खुलती थी । इनमें से कुआं और मंदिर तो संरक्षित है। लेकिन बाकी दोनों स्थान जर्जर हैं। आजाद के अज्ञातवास के रूप में मशहूर इस स्थान के पास ही एक म्यूजियम कुछ वर्षों पहले बनाया गया है। जहां उनके जन्म स्थान भावरा गांव और शहादत वाले स्थान प्रयागराज की मिट्टी के कलश रखे गए हैं।


सन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसी परिसर में आजाद की प्रतिमा का अनावरण किया था। फिलहाल इस पार्क में पेवर ब्लॉक लगवा दिए गए हैं। आजाद यहां सन्यासी के भेष में रहे। उन्हें यहां लाने वाले स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी मास्टर रूद्रनारायण ने उनका नाम ब्रह्मचारी हरिशंकर रख दिया। तब उनसे मिलने कई क्रांतिकारी यहां आए थे। ये सभी यहां आजाद के साथ मंत्रणा करते थे।


चूक तो हो गई, इसे भविष्य में सुधारेंगे


सातार पार्क के संबंध में चूक तो हुई है। इसे महोत्सव में शामिल किया जाना था। भविष्य में इस दिशा में काम करेंगे। अक्षयकुमारसिंह, कलेक्टर, निवाड़ी (ओरछा)


Popular posts
शादीशुदा BF संग भागी प्रेमिका, प्रेमी की पत्नी नही मानी तो प्रेमी पर दर्ज कराया RAPE का मामला
Image
उत्कृष्ट विद्यालय मुरार में नन्हे नन्हे हाथों ने उकेरी रंगोलियां
Image
भाजपा शासन के 108 फैसले सही पाए
Image
ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
Image
बिजली के बिलों में दी जाने वाली रियायतों की छोटे व्यापरियों ने की सराहना