भोपाल. शिमला, कुफरी औ मनाली में शुक्रवार रात से शनिवार दोपहर तक भारी बारिश और बर्फबारी के साथ ही तेज हवाएं चलने से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। बर्फबारी की वजह से ऊपरी शिमला में 160 रूट्स प्रभावित हैं। चौपाल क्षेत्र पूरी तरह से बंद है। उम्मीद है कि रविवार दोपहर तक इन्हें खोल दिया जाएगा। माैसम विज्ञान के अनुसार अागामी 13 मार्च को फिर से मौसम खराब होगा। राजस्थान के सीकर, अलवर, दौसा, अजमेर, नागौर, चूरू, भरतपुर और हनुमानगढ़ में ओलावृष्टि के कारण फसलें चौपट हो गई। मौसम विभाग ने 17 जिलों में बारिश और ओले गिरने की चेतावनी दी है। मप्र के भिंड और मुरैना में शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि से करीब 250 गांवों में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। कमलनाथ ने कहा कि किसान घबराएं नहीं, चिंतित न हों। नुकसान की भरपाई की जाएगी। संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है।

भोपाल / भारतीय टीम में बाबू भाई कहलाने वाली शहडोल की पूजा वस्त्राकर लड़कों से शर्त लगाकर मैच खेलना पसंद है। परिवार में उसे सब छोटी बुलाते हैं, क्योंकि वह सात भाई-बहनों में सबसे छोटी है, लेकिन उसके सपने बड़े थे और उन्हें पूरा करने का हौसला भी। भारतीय क्रिकेट टीम की आलराउंडर पूजा वस्त्राकर मप्र के शहडोल की रहने वाली हैं। उनकी बड़ी बहन निशा उसकी सफलता से खुश हैं। वह कहती हैं- जब हम शहर में निकलते हैं तो लड़कियां कहती हैं- देखो पूजा की दीदी जा रही हैं। फिर पूछती हैं, जब पूजा घर आए तो हमें बताना, उसके साथ सेल्फी लेनी है। पूजा वस्त्राकर मीडियम पेसर और राइट हैंड बैटिंग करती हैं। पूजा को टीम इंडिया की जर्सी पहनने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी है। उनके साथ कुछ पल ऐसे भी आए, जब लगा कि वह टीम इंडिया के लिए खेल नहीं पाएंगी। 2016 में पूजा का फील्डिंग के दौरान घुटने मुड़ने से चोटिल हो गईं और वह 2017 में वनडे वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्ट नहीं हो पाईं। 2018 में उन्हें पहली बार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया में वनडे सीरीज के लिए चुना गया। इसके बाद टी 20 के लिए भी चुनी गईं। यहां फिर दुर्भाग्य ने पूजा का पीछा नहीं छोड़ा। टी-20 वर्ल्ड कप प्रैक्टिस मैच के दौरान उनके घुटने में चोट लगी और वह वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थीं। इसके बाद भी पूजा ने हार नहीं मानी। उनके दोनों घुटनों का ऑपरेशन हुआ औ उन्हें बेंगलुरू में नेशनल क्रिकेट अकादमी में रिहैब दिया गया था। सितंबर 2019 में पूजा ने टीम इंडिया में वापसी की।

वापसी की कोशिश में लेती थीं प्रेरणा
टीम में फिर से वापसी की कोशिश में जुटी पूजा लगातार खुद को प्रेरित करती रहती थीं। उन्होंने अप्रैल 2019 में ट्वीटर पर लिखा था- मत पूछ मुझसे, मंज़िल क्या हैं, चल पड़ा हूं मैं। सफर जरूरी क्या है, जिद्द है मेरी, बस कर दिखाना है, लाख बार गिर जाऊं। फिर से दौड़ जाना है, ये चाह है मेरी, फिर क्या बहाना है, मत पूछ मुझसे, ये सफर अनजाना है। सितंबर 2019 में पूजा ने भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी की। इसके बाद जनवरी में टी 20 चैंलेंजर ट्रॉफी खेलते हुए अपनी टीम के लिए 19 गेंदों में 42 रन का स्कोर किया था।

कैरम के चैंपियन हैं पूजा के पिता
पूजा के पिता बंधनराम वस्त्राकर बीएसएनएल में बाबू थे। वह कैरम के अच्छे खिलाड़ी हैं और विभागीय प्रतियोगिता में चैंपियन भी रह चुके हैं। उनके दो बेटे और 5 बेटियां हैं। एमकॉम की पढ़ाई कर रही पूजा की बहन निशा ने बताया- पूजा ने पापा से जाते हुए कहा था, हम वर्ल्ड कप जीतकर आएंगे। अब हमें इंतजार है, जब पूजा और उसकी टीम देश के लिए विश्वकप जीतकर लाएगी।

अब आलोचक भी गर्व करते हैं
पूजा का फेवरेट खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग है। निशा ने बताया कि कॉलोनी में उनके क्रिकेट खेलने पर जो लोग ताने मारते थे। कहते थे- "पढ़ती-लिखती नहीं है, जब देखो लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती है रहती है। हमारे बच्चों पर भी गलत असर पड़ेगा।" वही लोग, आज उस खिलाड़ी के शहर आने पर गर्व का अनुभव करते हैं और मिलने के लिए घर के बाहर जुट जाते हैं। पूजा जब 10 साल की थी, तब उसकी मां की मौत हो गई।

15 साल की उम्र में मप्र टीम के लिए चुनी गई थीं
अपनी कॉलोनी के पास उन लड़कों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया, जो मैदान में खेला करते थे। बाद में उन्होंने स्टेडियम में जाना शुरू किया और नेट बल्लेबाजी का अभ्यास किया जहां कोच आशुतोष श्रीवास्तव ने उन्हें खोजा और औपचारिक प्रशिक्षण शुरू किया। उन्होंने बल्लेबाजी शुरू की। 2015 में उन्हें मध्य प्रदेश टीम में शामिल किया गया। यहां पर उन्होंने गेंदबाजी में कदम रखा। पहले ही साल वह इंडिया ग्रीन टीम का हिस्सा बन गई थीं।


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ग्वालियर। ग्वालियर में तीन मंजिला एक मकान में भीषण आग लगने से सात लोगों की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से झुलसे लोगों का इलाज चल रहा है। फायर बिग्रेड आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है। घटनास्थल पर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, नगर निगम कमिश्नर सहित प्रशासन के आला अधिकारी और राजनेता भी पहुंच गए। घटना इंदरगंज थाने से महज 100 मीट की दूरी पर हुई। आग कैसे लगी इसकी जानकारी नहीं मिली है।  जानकारी के मुताबिक ग्वालियर के इंदरगंज चैराहे पर रोशनी घर मोड़ पर तीन मंजिला मकान में गोयल परिवार रहता है। हरिमोहन, जगमोहन, लल्ला तीनों भाई की फैमिली रहती है जिसमें कुल 16 लोग शामिल हैं। इस मकान में एक पेंट की दुकान भी है जिसमें आधी रात को भीषण आग लग गई। दुकान की ऊपरी मंजिल में बने मकान में परिवार आग की लपटों में फंस गया।  देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। मामले की जानकरी मिलते ही फायर ब्रिगेड अमला मौके पर पहुंच गया और आग में फंसे परिवार को बचाने लगा। लेकिन तब तक सात लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी थी। एडिशनल एसपी ने सात लोगों की मृत्यु की पुष्टि की है। सुबह मौके पर सांसद विवेक शेजवलकर, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, चेम्बर अध्यक्ष विजय आदि भी पहुंचे। इस भीषण अग्निकांड की घटना में मृत लोगों के नाम इस प्रकार हैं - 1. आराध्या पुत्री सुमित गोयल उम्र 4 साल 2. आर्यन पुत्र साकेत गोयल उम्र 10 साल 3. शुभी पुत्री श्याम गोयल उम्र 13 साल 4. आरती पत्नी श्याम गोयल उम्र 37 साल 5. शकुंतला पत्नी जय किशन गोयल उम्र 60 साल 6. प्रियंका पत्नी साकेत गोयल उम्र 33 साल 7. मधु पत्नी हरिओम गोयल उम्र 55 साल 
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