57 साल का सियासी सफर, 5 किरदार और 5 पार्टियों से जुड़ाव; राजनीति में बड़े उलटफेर किए हैं इस राज परिवार ने

भोपाल / आजाद भारत की राजनीति में राज परिवारों  के राजनीतिक रसूख में ग्वालियर-गुना के सिंधिया परिवार की कहानी बड़ी रोचक और पेचीदा है। इस कहानी में भारतीय राजनीति के उन तमाम दांव-पेंचों की झलक मिलती है जो कुर्सी के दंगल में आजमाए जाते हैं। महाराष्ट्र के सातारा जिले में कान्हेरखेड गांव के पाटिल जानकोजीराव के ये 5 वंशज  27 बार सांसद रहे हैं और इनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हमेशा चर्चा में रही हैं। 18 साल कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद पिता की 75वीं पुण्यतिथि पर ज्याेतिरादित्य सिंधिया के सोचे-समझे इस्तीफे के बाद चर्चा है कि वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इस तरह सिंधिया परिवार की सत्ता- कहानी में एक नया अध्याय जुड़ने वाला है। उनके इस फैसले का सिंधिया परिवार के सभी सदस्यों ने स्वागत किया है। उनकी बुआ वसुंधराराजे और यशोधराराजे ने इसे ज्योतिरादित्य की घर वापसी कहा है, जबकि उनके बेटे महाआर्यमन ने इसे पिता का साहस बताया है।


कहानी को आगे बढाएं, इससे पहले जान लेते हैं  सिंधिया परिवार के किरदार, पार्टिंयों और विचारधारा की एक झलक -



































 दादी से पोते तक 5 किरदार 5 पार्टियां:
1.राजमाता विजया राजे सिंधियाकांग्रेस, जनसंघ, जनता पार्टी, भाजपा
2.माधवराव सिंधियाजनसंघ, कांग्रेस, मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस
3.वसुंधरा राजेभाजपा
4.यशोधरा राजेभाजपा
5.ज्योतिरादित्य सिंधियाकांग्रेस, अब भाजपा में जाने के कयास