50 हजार रुपए ही निकालने की लिमिट से लोग दिन भर लगाते रहे चक्कर

सूरत / गुरुवार को यस बैंक का बोर्ड भंग होने और खाताधारकों के 30 दिन में 50 हजार रुपए ही निकालने की खबर आई तो शुक्रवार सुबह से ही शहर में बैंक की 11 शाखाओं पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। बैंक में ऑनलाइन सहित सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन रोक दिए गए, सिर्फ ग्राहकों के 50000 रुपए तक नकद दिया जा रहा था, वह भी चेक से। 


सुबह 9 बजे से ही लोग कतार में
सुबह 9.30 बजे बैंक खुलते ही लोग पैसे लेने के लिए कतार में लग गए। लोगों की भारी भीड़ को देखकर बैंककर्मियों ने टोकन बांट दिया। कुछ ब्रांच में 10.30 बजे के बाद विड्रॉल शुरू होने से खाताधारकों ने हंगामा किया। रिंग रोड स्थित यस बैंक ब्रांच में 10.30 बजे के बाद विड्रॉल शुरू हुअा। नकदी की किल्लत से दोपहर 1 बजे तक ही ग्राहकों को पैसे मिल पाए। उसके बाद दूसरे दिन आने को कहा। इससे लोगों में नाराजगी भी देखने को मिली। बैंक कर्मचारी जल्दबाजी में कोई गलती नहीं हो जाए, इसका भी खयाल रख रहे थे। कर्मचारियों को इंस्ट्रक्शन भी दिए गए कि एक नाम से चाहे कितने भी खाते हों 50 हजार रुपए से अधिक नहीं देना है।
 


नोटिफिकेशन नहीं आया, रुकने को कहा तो हंगामा
बैंक खुलते ही खातेदार और बैंककर्मियों के बीच नोक झोंक चालू हो गई। बैंक कर्मियों ने आधे घंटे इंतजार करने को कहा। बैंक प्रबंधन ने कहा कि कैसे पेमेंट देना है वह आरबीआई द्वारा बताया नहीं गया। नोटिफिकेशन आने दीजिए, तो खातेदारों ने हंगामा किया। खातेदारों ने कहा कि आधे घंटे रुकने को कहा, फिर 5 मिनट रुकने को कहा। हमें भी नाैकरी पर जाना है।
 


पहली सैलेरी आई पर मिल नहीं रही
सिक्योरिटी गार्ड का काम करने वाले वेड रोड निवासी सुरेश यादव ने कहा कि 15 दिन पहले ही मेरे जैसे 20 लोगों का खाता खोला गया था। हमें केवल कार्ड दिया है। चेक बुक नहीं दी। सैलेरी आ गई है। मैं अपने 11 हजार रुपए लेने आया था, लेकिन पता चला बैंक में यह लफड़ा चल रहा है।
 


4 अकाउंट फिर भी 50000 ही दिया
जयंती पटेल ने बताया कि अठवालाइंस ब्रांच में उनके चार करंट एकाउंट हैं फिर भी 50 हजार ही दे रहे हैं। खातों में आठ से 9 लाख रुपए हैं। मशीन का व्यापार करता हूं। ऐसे में कैसे धंधा हो पाएगा। आगे क्या होगा कुछ बता नहीं रहे हैं। चारों खाते से केवल 50 हजार ही क्यों दे रहे हैं।
आठ लाख का चेक रिटर्न न हो जाए
पर्वत पाटिया के विकाश बंसद ने कहा कि 28 लाख रुपए की एफडी करवाई थी। खाते में 1,090,000 रुपए हैं। गुरुवार को एक व्यापारी को आठ लाख रुपए का चेक दिया था। कहीं रिटर्न न हो जाए। कोई भी बैंक कर्मी कुछ भी बताने को तैयार नही है।
 


4 लाख लोन कराया, पैसा फंस गया
गोडादरा के आशीष पांडे ने कहा- मेरा सैलेरी अकाउंट है। तीन दिन पहले ही चार लाख रुपए का होम लोन पास हुआ था। घर का काम चल रहा है। रात को भाई ने बताया कि बैंक से एक माह में केवल 50 हजार की निकाल सकते हैं। सुबह 8 बजे ही पहुंच गया। आगे का काम कैसे होगा।
 


बैंक बंद होने के बाद भी भीड़ जमी रही
अठवालाइंस बैंक बंद होने तक इस ब्रांच पर लोगों की भीड़ जमा रही। दोपहर डेढ़ बजे तक इस ब्रांच में पैसे खत्म हो गए। इसे लेकर झड़प और गाली-गलौज होने लगी। धीरज सिद्धपुरा रिटायर कर्मचारी हैं। खाते में एक लाख रुपए हैं, उसे निकालने के लिए बेटे को भरूच से बुलाया था, लेकिन वह रास्ते में ही थे तभी पैसे खत्म होने की जानकारी मिली। बैंक अधिकारी धवल नानावती ने आश्वासन दिया है कि शनिवार को भी बैंक खुला रहेगा।
 


अपना ही पैसा लेने के लिए लाइन में लग रहे
जैसे जैसे लोगों को बैंक के हालत के बारे में जानकारी मिल रही थी, वैसे वैसे भीड़ बढ़ती जा रही थी। लोगों में काफी रोष दिखा। लाइन में लगे लोगों ने कहा कि अपना ही पैसा लेने के लिए लाइन में लग रहे हैं। बैंकों से भी अब भरोसा उठ गया है। इससे अच्छा अपना पैसे अपने पास रखें। रकम निकालने के लिए 2 से 3 घंटे का समय लगा। यस बैंक की अठवालाइंस स्थिति मेन ब्रांच पर कई लोग सुबह 7 बजे ही पहुंच गए। बैंक कर्मियों से कहा सुनी हुई तो पुलिस बुला ली गई।
 


2 दिन पहले खाता खुलवाने वाले ने किया हंगामा
2 दिन पहले खाता खुलवाने वाले खातेदार ने 5 लाख रुपए जमा किए थे। उसे बैंक में आकर हंगामा किया और कहा कि जब आपको पता था कि बैंक कमजोर हो रहा है, तो खाता क्यों खोला? अब मुझे जरूरत है तो क्या करूं? एक खातेदार को तत्काल आरटीजीएस करना था। उसने भी हंगामा किया। उधना दरवाजा ब्रांच के मैनेजर साकेत बारैया ने बताया कि चेक से विड्रॉल के अलावा सारे ट्रांजेक्शन रोक दिए गए हैं। ईएमआई का ट्रांजैक्शन भी रोका गया है।
 


72 वर्षीय लक्ष्मीबेन ने खाता बंद कराया
भटार की रहने वाली 72 वर्षीय लक्ष्मीबेन को स्पाइन की समस्या है, फिर भी वह कतार में लगी। नाराज होकर उन्होंने खाता ही बंद करवा दिया। उन्होंने कहा कि अब तो बैंकों से भी भरोसा उठ गया है। अपना पैसा ही मिलना मुश्किल है।